भूगर्भीय तरंगें(body waves) क्या है?
भूकंपीय तरंगें दो प्रकार की होती हैं:
- भूगर्भीय तरंगें
- धरातलीय तरंगें
भूगर्भीय तरंगें:
भूगर्भीय तरंगें उद्गम केंद्र (फोकस ) पर ऊर्जा की मुक्त के कारण उत्पन्न होती हैं और यह पृथ्वी के अंदरूनी भाग से सभी दिशाओं में चलती है।
भूगर्भीय तरंगें दो प्रकार की होती हैं:
- "P" तरंगें या प्राथमिक तरंगें
- "S" तरंगें या द्वितीयक तरंगें
"P" तरंगें:
- P तरंगें ध्वनि तरंगों के समान होती हैं। वे गैसीय, तरल और ठोस पदार्थों में गुजर सकती है।
- यह सबसे तेज है और सतह पर सबसे पहले पहुंचता है।
- P तरंगें तरंगों की दिशा के समानांतर कंपन करती हैं और सामग्री के घनत्व में अंतर पैदा करती हैं जिससे सामग्री में फैलाव और संकुचन पैदा हो जाता है ।
"S" तरंगें :
- "S" तरंगें P तरंगों की तुलना में धीमी होती हैं और कुछ अंतराल के बाद सतह पर पहुँचती हैं।
- "S" तरंगें केवल ठोस माध्यमों से यात्रा कर सकती हैं और ये विशेषताएं पृथ्वी के आंतरिक भाग की संरचना को समझने में मदद करती हैं।
- "S" तरंगें भूकंपलेखी (स्मोग्राफ) में अंतिम में अभिलिखित होती है हैं।
- "S" तरंगें अधिक विनाश कारी होती है क्योंकि वे चट्टानों के विस्थापन का कारण बनती हैं।
- "S" तरंगें जिससे गुजरती है उसमें गर्त और शिखा बनाती हैं।
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1 Comments:
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