प्रश्न।
हिन्द महासागर क्षेत्र का भू राजनैतिक महत्व स्पष्ट कीजिए।( 64th BPSC 2019)
उत्तर।
भू-राजनीतिक महत्व का अर्थ है किसी भूमि के टुकड़े या क्षेत्र के लिए राजनीति होना , विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय राजनीति होना ।
Indian Ocean |
हिंद महासागर प्रशांत और अटलांटिक महासागरों के बाद तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। हिंद महासागर के भू-राजनीतिक महत्व निम्नलिखित हैं।
- विश्व के तेल भंडार का लगभग 40% हिंद महासागर में है और यह हिंद महासागर के उत्तर-पश्चिमी भाग पर केंद्रित है।
- विश्व का 80% कच्चा तेल हिंद महासागर के माध्यम से पहुँचाया जाता है। चार रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोकपॉइंट या जलडमरूमध्य हैं जहां अधिकांश समुद्री व्यापार इन जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है।
- बाब अल मंडेब
- होर्मुजु की जलडमरूमध्य
- मलक्का जलडमरूमध्य
- मोज़ाम्बिक चैनल
- कई देशों द्वारा विशेष रूप से चीन, जापान और दक्षिण कोरिया द्वारा चोकपॉइंट को नियंत्रित करने के लिए होड़ लगी हुए है । क्योंकि हिंद महासागर में प्रवेश और निकास को इन्हीं चोक पॉइंट्स से नियंत्रित किया जा सकता है।
- विश्व की एक तिहाई जनसंख्या हिंद महासागर के साथ ही बसी हुई है और यह एक बहुत बड़ा बाजार है ।
- हिंद महासागर के साथ कई अस्थिर देश स्थित हैं जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, सोमालिया, श्रीलंका, मालदीव, आदि।
- हिंद महासागर में आसियान जैसे मजबूत औपचारिक समूहों की अनुपस्थिति इस क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता जोड़ती है।
- चीन की आक्रामकता और विस्तारवादी नीति हिंद महासागर को नियंत्रित करने के कारण से प्रतिस्पर्धा बढ़ गयी है। और भारत, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन जैसी प्रमुख शक्तियों ने अपनी उपस्थिति बडा दी है।
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