सवाल:
पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित तर्कों में कान्ट व लाप्लेस के तर्कों में मूलभूत अंतर बताएं ।
उत्तर:
कान्ट और लाप्लेस दोनों ने नेबुलर(Nebular) परिकल्पना को आकार देने में योगदान दिया । नेबुलर परिकल्पना सबसे पुरानी परिकल्पना है जिसने ग्रह की उत्पत्ति और हमारे सौर मंडल की की उत्पत्ति व्याख्या की है।
इमैनुएल कान्ट (जर्मन दार्शनिक) के तर्क :
सूर्य एक सौर निहारिका( Nebula) से घिरा हुआ था जिसमें धूल के साथ ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम के कण शामिल थे । कणों के बीच गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण, कण आपस में टकराने और चिपकने लगे और कुछ कणों के बड़े होने के परिणामस्वरूप बाद में तारे, ग्रह आदि का निर्माण हुआ ।
कान्ट की निहारिका परिकल्पना की कमी :
- यह बताने में सक्षम नहीं है कि हमारे सौर प्रणाली के ग्रह एक ही दिशा में क्यों घूम रहा है ।
- उपग्रह निर्माण कैसे हुआ इसकी व्याख्या नहीं कर पाता ।
लाप्लेस की निहारिका परिकल्पना:
1796 में लाप्लेस (फ्रांसीसी गणितज्ञ) ने कान्ट की निहारिका परिकल्पना को संशोधित किया,
लाप्लेस के अनुसार:
- सूर्य पहले से ही बना हुआ है, सूर्य की युवा अवस्था को आदिम( primitive) सूर्य कहा ।
- निहारिका बहुत बड़ी दूरी पर आदिम सूर्य के चारों ओर घूमने वाली बड़ी गैसें थीं।
- समय के साथ सूर्य ठंडा और सिकुड़ने लगता है।
- सूर्य के आकार में कमी से सूर्य के घूर्णन वेग में वृद्धि होती है।
- कुछ वलय सामग्री ( ring materials) वायुमंडल के चारों ओर छूट जाती है और संकेंद्रित वलय( concentric ring) बनने लगता है ।
- हमारे सौर प्रणाली में आठ संकेन्द्रित वलय बने।
- प्रत्येक संकेंद्रित वलय से ग्रह का निर्माण हुआ था।
- इसी तरह आदिम ग्रह के चारों ओर संकेंद्रित वलय थे, और संकेंद्रित वलय से उपग्रहों का निर्माण हुआ था।
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