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मूंग चट्टानों की वृद्धि के लिए अपेक्षित अनुकूल स्थितियों की चर्चा कीजिये और मूंगों के विरंगिकरण के कारणों पर प्रकाश डालिये।

 प्रश्न। 

मूंग चट्टानों की वृद्धि के लिए अपेक्षित अनुकूल स्थितियों की चर्चा कीजिये और मूंगों के विरंगिकरण के कारणों पर प्रकाश डालिये। ( 63rd BPSC, 2019)

उत्तर। 

प्रवाल[ मूंग] चट्टानें  समुद्र में एक प्रकार की जैव भू-आकृतियाँ हैं या यह एक प्रकार का सुंदर और रंगीन समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र है। प्रवाल भित्तियाँ कई प्रकार के छोटे प्रवाल जंतुओं जैसे मूंग जंतु, शैल बनाने वाले जीव, चूने का उपयोग करने वाला शैवाल तथा अन्य समुद्री जीवो  का निर्माण का कार्य हैं ।

समुद्र में प्रवाल भित्तियों के विकास के लिए आवश्यक अनुकूल परिस्थितियाँ निम्नलिखित हैं:

  • समुद्र के पानी का तापमान 23 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होना चाहिए।
  • औसत लवणता 27 से 40 पीपीएम के बीच होनी चाहिए।
  • उथले पानी होना चाहिए और समुद्र में पानी की गहराई 200 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। अनुकूल गहराई 50 मीटर से 200 मीटर है।
  • समुद्र का पानी कीचड़ मुक्त या अवसादन मुक्त होना चाहिए।
  • लगभग स्थिर पानी की आवश्यकता है।

प्रवाल विरंगिकरण के कारण:

  • जब शैवाल (कोरल का रंग प्रदाता) कोरल पॉलीप्स को छोड़ देता है, तो पॉलीप्स सफेद हो जाते हैं; इस घटना को प्रवाल विरंजन कहा जाता है।
  • प्रवाल विरंजन के निम्नलिखित कारण हैं:
  • समुद्री जल के तापमान में वृद्धि [जलवायु परिवर्तन]
  • महासागरीय अम्लीकरण [अम्लीय वर्षा]
  • समुद्र में प्रदूषण [मानव गतिविधियाँ]
  • समुद्र के पानी में अवसादन में वृद्धि [वनों की कटाई और अवैज्ञानिक खनन के कारण नदी की गाद]।
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