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2000 से किये गए राज्य पुनर्गठन के आधारों की न्यायसंगति सिद्ध कीजिये और उसके परिणामो को उदहारण दे कर समझाइये

प्रश्न। 

ई. स. 2000 से किये गए राज्य पुनर्गठन के आधारों की न्यायसंगति सिद्ध कीजिये और उसके परिणामो को उदहारण दे कर समझाइये। ( 63rd BPSC, 2019) 

उत्तर। 

2000 के बाद से, निम्नलिखित चार नए राज्यों का गठन किया गया:

  • 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से अलग हुआ था। 
  • 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग हुआ था। 
  • 15 नवंबर 2000 को झारखंड बिहार से अलग हुआ था। 
  • 2 जून 2014 को तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग हुआ था। 

2000 से राज्य पुनर्गठन के आधार:

2000 से राज्य के पुनर्गठन के मुख्य आधार निम्नलिखित हैं:

  • आर्थिक पिछड़ापन
  • अलग पहचान या सांस्कृतिक अज्ञानता
  • जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के कारण बढ़ता सामाजिक तनाव

असमान विकास और आर्थिक पिछड़ापन:

  • उत्तराखंड में पहाड़ी-केंद्रित विकास का अभाव के कारण वहा बुनियादी आधारभूत संरचना की कमी होती गए और लोगो में असंतोष बढ़ते गए और इस असंतोस को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश के पहाड़ी वाले क्षेत्र को अलग करके उत्तराखंड राज्य बनाया गया ।  
  • छत्तीसगढ़, झारखंड और तेलंगाना राज्य प्राकृतिक संसाधन के सन्दर्भ  में बहुत ही समृद्ध थे लेकिन इन क्षेत्रो में आर्थिक विकास राज्य के अन्य क्षेत्रो जैसा नहीं हो रहा था और इस कारण अलग राज्य बनाना पड़ा । 

अलग पहचान या सांस्कृतिक अज्ञानता:

  • आदिवासी की अपनी अलग की संस्कृति होती है और इनकी संस्कृति को पहले बिहार में पहचान नहीं मिल रही थी जिसके कारण  लोगो में असंतोष की भावना थी। 
  • आदिवासी को अलग पहचान के आधार पर बिहार से आदिवासी वाले क्षेत्र को अलग करके झारखण्ड राज्य बनाया गया ।
  • उत्तराखंड को भी अलग करने का अन्य कारण सांस्कृतिक अज्ञानता जो की पहले उत्तर प्रदेश के सरकार में दिखती थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुगल की संस्कृति को बढ़ावा दिया करती थी जो की उत्तराखंड की संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं था इस कारण  पहाड़ी लोगो में असंतोष की भावना थी ।

जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के कारण बढ़ता सामाजिक तनाव:

  • तेलंगाना के गठन का एक मुख्य कारण तटीय क्षेत्रों से तेलंगाना क्षेत्रों में लोगों की संख्या बढ़ने से लोगो में सामाजिक तनाव बढ़ गया था।

राज्य पुनर्गठन के परिणाम:

सकारात्मक परिणाम:

  • 2016-17 के भारत के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, छोटे राज्य बाकी की तुलना में अधिक व्यापार करते हैं और यह व्यापार के लिए बेहतर अवसर प्रदान करता है और कुशल प्रशासन भी है। उदाहरण के लिए, अपने गठन के बाद से, तेलंगाना ने व्यापार को सरल बनाने में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
  • छोटे राज्य राजनीतिक रूप से अधिक स्थिर होते हैं। उदाहरण के लिए, झारखंड के निर्माण के बाद से झारखंड और बिहार क्षेत्र में कोई बड़ी राजनीतिक अस्थिरता या हड़ताल नहीं देखी गई है।

नकारात्मक परिणाम:

  • छोटे राज्य आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होते हैं क्योंकि उनके पास राजस्व उत्पन्न करने के लिए अधिक संसाधन और बाजार नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड राज्य में आपदा से निपटने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर है।
  • नदी जल बंटवारे जैसे क्षेत्रीय विवाद बढ़ जाते हैं। उदाहरण के लिए, कृष्णा नदी पर तेलंगाना और आंध्र के बीच जल बंटवारा विवाद।
  • छोटे राज्यों का निर्माण विकास की गारंटी नहीं देता। उदाहरण के लिए, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों ने निर्माण के बाद से ज्यादा प्रगति नहीं की है।

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