प्रश्न।
तीसरी दुनिया के नगरीकरण से जुड़ी समस्याओ का सोदाहरण विश्लेषण कीजिये। ( 63rd BPSC, 2019)
उत्तर।
विकासशील देशों के समूह को तीसरी दुनिया के रूप में भी जाना जाता है। यद्यपि तीसरी दुनिया में शहरीकरण का तेजी से विकास हो रहा है, फिर भी उन्हें नगरीकरण में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जो नीचे सूचीबद्ध हैं:
- अपर्याप्त शहरी आधारभूत संरचना और उच्च जनसंख्या घनत्व
- आर्थिक अवसर की कमी और अपराध की ज्यादा संख्या
- बढ़ती हुई झुग्गी बस्ती
- बाढ़
- संसाधन का क्षरण
- प्रदूषण
अपर्याप्त शहरी बुनियादी ढांचा और उच्च जनसंख्या घनत्व:
विकासशील देशों में, नगर आसपास के क्षेत्र के विकास का केंद्र होता है। कई लोग बेहतर अवसरों के लिए आसपास के क्षेत्र से वहां प्रवास करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वहा :
- आवास का अभाव होता है ।
- सड़क पर जाम और भीड़ होता है ।
- पीने योग्य पानी का अभाव होता है ।
- अस्पताल की सुविधा का अभाव।
आर्थिक अवसर की कमी और अपराध की ज्यादा संख्या :
सभी शहरी आबादी के लिए आर्थिक अवसरों की कमी से अपराध दर में वृद्धि होती है।
बढ़ती हुई झुग्गी बस्ती :
- विकासशील देशों के लगभग सभी शहरों में में मलिन बस्तियां होती हैं और इनकी संख्या बढ़ती जा रही है ।
बाढ़:
- जल निकासी की खराब योजना और नाली में कूड़ा -कचरा भरने से शहरी क्षेत्रों में बरसात के दिनों में जरा से वर्षा होने पर जलभराव हो जाता है और यह तीसरी दुनिया के शहरो की आम समस्या है।
संसाधन का क्षरण:
- शहरी केंद्र में भूजल और जंगल की कमी आदि जैसे संसाधनों की कमी की समस्या का सामना करना पड़ता है।
प्रदूषण:
- तीसरी दुनिया के शहरी केंद्रों में वायु, जल और ठोस अपशिष्ट प्रदूषण बहुत ही ज्यादा स्तर पर शहरो में होती हैं।
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