Table of content:
भौतिक भूगोल
भू- आकरिकी:
पृथ्वी की उत्पत्ति एवं संरचना:
भूसंचलन, प्लेट विवर्तन तथा पर्वत निर्माण:
भूसंतुलन:
अपक्षय एवं अपरदन
- अपक्षय पृथ्वी पर जैव विविधता के लिए उत्तरदायी है | कैसे ?
- क्या मृदा निर्माण में अपक्षय एक आवश्यक अनिवार्यता है ?
- अपक्षय क्या है | अपक्षय को प्रभावित करने वाले कारक
- भौतिक अपक्षय के विभिन्न प्रक्रियाओं की विवेचना
- अपरदन क्या है?
अपरदन चक्र
स्थलाकृतियों का क्रम- विकास-नदीय, हिमानी, पवन, सागरी तथा कास्र्ट:
पुनरूत्थान एवं बहुचक्रीय भू- आकृतियाँ
- बहुचक्रीय भू आकृतियों
- जलीय अपरदन चक्र के नवोन्मेष के कारण तथा तज्जनित बहुचक्रीय स्थलरूपों की विशेषताए
जलवायु विज्ञान:
वायुमण्डल का संघटन एवं सरंचना
सूर्याभिताप एवं उष्मा बजट
वायुमण्डलीय दाब एवं पवन, आर्द्रता एवं वृष्टि:
वायु राशियाॅ एवं वाताग्र, चक्रवात- उत्पत्ति, परिसंचरण एवं सम्बन्धित मौसम:
विश्व जलवायु का वर्गीकरण- कोपेन तथा थान्र्थवेट।
समुद्र विज्ञान:
समुद्रतल का उच्चावच स्वरूप:
लवणता, समुद्री धाराएं एवं ज्वार-भाटा
समुद्री निक्षेप एवं प्रवाल भित्तयाँ।
मिट्टी एवं वनस्पति :
उत्पत्ति , वर्गीकरण एवं विश्व- वितरण:
मिट्टी एवं वनस्पति की सहजीविता
जैव समुदाय एवं अनुक्रम।
पारिस्थितिकी तन्त्र:
पारिस्थितिकी की संकल्पना, पारिस्थितिकी तन्त्र की संरचना एवं कार्यप्रणाली, पारिस्थितिकी तन्त्र के प्रकार
प्रमुख जीवोम:
पारिस्थितिक तन्त्रों पर मानव का प्रभाव तथा वैश्विक पारिस्थितिकीय मुद्दे।:
मानव भूगोल
भौगोलिक चिन्तन का क्रम- विकास:
भारतीय, जर्मन, फ्रांसीसी, ब्रिटिश तथा रूसी भूगोल वेत्ताओं के योगदान:
- भारतीय भूगोल वेत्ताओं के भूगोल क्षेत्र में योगदान
- प्राचीन भारत में भौगोलिक ज्ञान का विकास
- अरब भूगोलवेत्ताओं का भूगोल के विकास में योगदान
- भूगोल के क्षेत्र में जर्मन भूगोलवेत्ताओं का योगदान
- भूगोल के क्षेत्र में फ्रांसीसी भूगोलवेत्ताओं का योगदान
- भूगोल के क्षेत्र में ब्रिटिश भूगोलवेत्ताओं का योगदान
- भूगोल के क्षेत्र में सोवियत (रूसी) भूगोलवेत्ताओं का योगदान
मानव- भूगोल के परंपरागत चिंतन फलक- निश्चयवाद, सम्भववाद, प्रदेशवाद;
सम- सामायिक चिंतन फलकः प्रत्यक्षवाद, सांख्यिकीय क्रान्ति; भूगोल में मॉडल एवं तंत्र;
- मानव भूगोल में प्रत्यक्षवाद | भूगोल में प्रत्यक्षवाद की अवधारणा
- भूगोल में मात्रात्मक तथा वयवहारत्मक क्रांतियों की सटीक तुलना कीजिये तथा विषय के विकास में उनकी भूमिका का परीक्षण कीजिये |
- भूगोल के वैज्ञानिक विकास पर मात्रात्मक क्रांति के प्रभाव की चर्चा कीजिये
- भूगोल में मात्रात्मक क्रांति | भूगोल में सांख्यिकी क्रांति | भूगोल में मात्रात्मक क्रांति की अवधारणा
भौगोलिक चिन्तन में अभिनव प्रवृत्तियां (आचारपरक, क्रान्तिकारी, मानवतावाद, उत्तरआधुनिकवाद एवं पारिस्थितिकी चिन्तन फलक के विशेष सन्दर्भ में)।
- व्यवहारवादी भूगोल| आचारपरक भूगोल | मानव भूगोल में व्यवहारवाद
- व्यवहारवादी भूगोल की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें
- क्रान्तिकारी भूगोल | रेडिकल भूगोल | भूगोल में उग्रवादी विचारधारा
- मानव भूगोल में मानवतावाद दृष्टिकोण | भूगोल में मानवतावादी विचारधारा | मानवतावाद भूगोल
- नारीवाद भूगोल | उत्तर आधुनिकतावाद और नारीवाद भूगोल |
मानव भूगोलः
प्रमुख प्राकृतिक प्रदेशों में मानव निवास्य:
मानव का अभ्युदय एवं मानव प्रजातियां
सांस्कृतिक विकास एवं अवस्थाएं प्रमुख सांस्कृतिक परिमण्डल
जनसंख्या की वृद्धि एवं वितरण:
अंतर्राष्ट्रीय प्रवास:
जनांकिकीय संक्रमण तथा सम- सामयिक जनसंख्या समस्यायें।
- जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थ
- जनसांख्यिकीय संक्रमण क्या है? इसका जागतिक जनसंख्या वितरण पर कैसे असर हुआ है ?
- विकसित और विकासशील देशों की समकालीन जनसँख्या की समस्याओ की व्याख्या
अधिवास भूगोल:
अधिवास भूगोल की संकल्पना:
ग्रामीण अधिवास-प्रकृति, उत्पत्ति, प्रकार एवं प्रतिरूप:
नगरीय अधिवास; उत्पत्ति, प्रतिरूप, प्रक्रिया एवं परिणाम:
केन्द्र स्थल सिद्धान्त:
नगरों का वर्गीकरण:
नगरों का पदानुक्रम:
नगरों की आकारिकी :
ग्राम-नगर सम्बन्ध- नगरीय प्रभाव क्षेत्र एवं नगर उपान्त: भावी प्रवृत्तियाँ।
- नगरीय प्रभाव क्षेत्र
- ग्राम-नगर उपांत
- किसी नगर के अमलैण्ड (प्रभावक्षेत्र )में प्रचलित क्रियाकलापों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
आर्थिक भूगोल:
आधारभूत संकल्पनायें: संसाधन की संकल्पना, वर्गीकरण, संरक्षण एवं प्रबन्धन:
कृषि की प्रकृति एवं प्रकार, कृषि भूमि- उपयोग के अवस्थितिपरक सिद्धान्त; विश्व के कृषि प्रदेश;
प्रमुख फसलें;
- शुष्क कृषि तथा आर्द्र कृषि में क्या अंतर है?
- बाजारीय सब्जी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही क्यों की जाती है ?
- भारत में भूमि उपयोग प्रारूप का वर्णन करें। वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई , इसका क्या कारण है?
- वॉन थुनेन - कृषि भूमि उपयोग का एक मॉडल
- व्हिटलसी द्वारा विश्व कृषि का वर्गीकरण | विश्व कृषि: कृषि क्षेत्रों की एक टाइपोलॉजी UPSC
खनिज एवं ऊर्जा संसाधन- स्थानिक उपलब्धता, भण्डार तथा उपयोग एवं उत्पादन प्रतिरूप;
विश्व ऊर्जा संकट एवं विकल्प की खोज;
उद्योग: औद्योगिक अवस्थिति के सिद्धान्त, प्रमुख औद्योगिक प्रदेश;
प्रमुख उद्योग-लोहा तथा इस्पात, कागज, वस्त्र, पेट्रो-रसायन, स्वचालित वाहन तथा पोत निर्माण- उनके अवस्थितिक प्रतिरूप;
अंतरराष्ट्रीय व्यापार; व्यापारिक प्रखण्ड;
- पिछले पंद्रह वर्षों में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के बदलती प्रवित्ति पर एक लेख लिखें।
- व्यापार से आप क्या समझते है? स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर स्पष्ट करें।
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार से देश कैसे लाभ प्राप्त करते हैं?
- व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त होते हैं?
- विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन-से हैं?
व्यापारिक मार्ग, पत्तन एवं भूमण्डलीय व्यापारिक केन्द्र;
वैश्वीकरण एवं विश्व में आर्थिक विकास के सिद्धान्त एवं प्रतिरूप ;
संवहिनीय विकास की संकल्पना एवं उपागम।
राजनीतिक भूगोल:
राष्ट्र एवं राज्य की संकल्पना:
सीमान्त, सीमायें एवं बफर क्षेत्र:
हृदयस्थल एवं रिमलैण्ड सिद्धान्त:
संघवाद, विश्व के सम- सामयिक भू-राजनीतिक मुद्दे।
प्रश्न पत्र - II - भारत का भूगोल;
प्राकृतिक स्वरूप:
भौमिकीय क्रम एवं संरचना
उच्चावच एवं अपवाह
मिट्टी एवं प्राकृतिक वनस्पति
मिट्टी अवक्रमण तथा निर्वनीकरण
भारतीय मानसून की उत्पत्ति एवं प्रक्रिया
जलवायु प्रदेश
भौगोलिक प्रदेश।
3 Comments
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ReplyYes
ReplyUppcs ke liye geo. Optional ke notes kaise le
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