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उष्ण कटिबंध और समशीतोष्ण चक्रवात का, उनके उदभव , विकास , लक्षण और प्रभाव के विशेष सन्दर्भ में उदाहरण सहित तुलनात्मक विश्लेषण कीजिये।

 प्रश्न। 

उष्ण कटिबंध और समशीतोष्ण चक्रवात का, उनके उदभव , विकास , लक्षण और प्रभाव के विशेष सन्दर्भ में उदाहरण सहित तुलनात्मक विश्लेषण कीजिये। ( 63rd BPSC, 2019)

उत्तर। 

उष्ण कटिबंध और समशीतोष्ण चक्रवातों के तुलनात्मक विश्लेषण निम्नलिखित हैं:

उदभव:

  • उष्ण कटिबंधीय चक्रवात की उत्पत्ति ऊष्मीय उत्पत्ति है जबकि समशीतोष्ण चक्रवातों की उत्पत्ति गतिशील उत्पत्ति है।
  • उष्ण कटिबंधीय चक्रवात की ऊष्मीय उत्पत्ति का अर्थ है कि यह केवल गर्म महासागर में 10 से 30 डिग्री उत्तर और दक्षिण अक्षांश के बीच समुद्र के पानी के ऊष्मीय ताप के कारण उत्पन्न होता है।
  • समशीतोष्ण चक्रवात की गतिशील उत्पत्ति का अर्थ है कि यह वायुराशि की विस्थापन के कारण उत्पन्न होता है जो कि 35 से 65 डिग्री उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों के बीच विकसित होता है ।

विकास:

  • उष्णकटिबंधीय चक्रवात केवल उष्णकटिबंधीय समुद्र में विकसित होता है जहां समुद्र का पानी 25 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होता है।
  • समशीतोष्ण चक्रवात भूमि और समुद्र दोनों में विकसित हो सकता है क्योंकि यह वायुराशि के सीमा पर बनता है।

लक्षण और प्रभाव:

  • उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों का व्यास सामान्यतः १०० से ३०० किलोमीटर के बीच होता है जबकि समशीतोष्ण चक्रवातों का व्यास ३०० से १५०० किलोमीटर के बीच होता है।
  • उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की हवा की गति समशीतोष्ण चक्रवातों की तुलना में बहुत अधिक होती है।
  • उष्णकटिबंधीय चक्रवात समशीतोष्ण चक्रवातों की तुलना में अधिक विनाश का कारण बनते हैं।
  • उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का ऊर्जा स्रोत वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा है जबकि समशीतोष्ण चक्रवातों का ऊर्जा स्रोत वायु द्रव्यमान है।
  • उत्तरी गोलार्ध में उष्णकटिबंधीय चक्रवात पूर्व से पश्चिम की ओर चलते हैं जबकि समशीतोष्ण चक्रवात उत्तरी गोलार्ध में पश्चिम से पूर्व की ओर चलते हैं।
  • उष्णकटिबंधीय चक्रवात आमतौर पर उत्पत्ति के 7 दिनों के भीतर रहते हैं जबकि समशीतोष्ण चक्रवात 7 दिनों से अधिक समय तक बना रहता हैं।
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