कृषि-जलवायु क्षेत्र क्या है?
- खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने 1983 में कृषि-जलवायु क्षेत्र को परिभाषित किया था, इनके अनुसार, कृषि-जलवायु क्षेत्र एक भूमि इकाई है जिसमे जलवायु और कृषि फसलों के अवधी में समरूपता होती है।
- फसलों के अवधि में खरीफ, रबी और जैद के फसल शामिल हैं।
कृषि-जलवायु क्षेत्रों को बिभाजित करने का आधार:
कृषि और जलवायु चर दोनों को मिलाकर , कृषि-जलवायु क्षेत्र को बिभाजित किया जाता है |
निम्नलिखित चर:
कृषि चर:
- फसलों के अवधि
- मिट्टी के प्रकार
जलवायु चर:
- तापमान
- वर्षा
ऊपर लिखित चार चर को आधार मानकर , उत्तर प्रदेश को ९ कृषि जलवायु क्षेत्र में बाट सकते है
उत्तर प्रदेश के 9 कृषि जलवायु क्षेत्र निम्नलिखित हैं;
- भाभर और तराई,
- पश्चिमी मैदान
- मध्य-पश्चिमी मैदान
- दक्षिण-पश्चिमी मैदान
- मध्य मैदान
- बुंदेलखंड
- उत्तर-पूर्वी मैदान
- पूर्वी मैदान
- विंध्य क्षेत्र
भाभर और तराई कृषि-जलवायु क्षेत्र:
जिले:
- सहारनपुर, बहराइच, श्रावस्ती आदि प्रमुख जिले है ।
मिट्टी के प्रकार:
- जलोढ़ मिट्टी जिसमें मध्यम फास्फोरस और मध्यम से उच्च पोटेशियम का उपस्तिथि होता है |
वर्षा:
- 100-115 सेमी सालाना होता है
प्रमुख फसलें:
- चावल, गेहूं और गन्ना।
पश्चिमी मैदानी कृषि-जलवायु क्षेत्र:
जिले:
- रामपुर, बिजनौर, बागपत, गाजियाबाद, आदि प्रमुख जिले है ।
मिट्टी के प्रकार:
- बलुई दोमट मिट्टी
वर्षा:
- 70 से 100 सेमी सालाना
प्रमुख फसलें:
- चावल, गेहूं, गन्ना
मध्य-पश्चिमी मैदानी कृषि-जलवायु क्षेत्र:
जिले:
- बरेली, मेरठ, बागपत आदि प्रमुख जिले है |
मिट्टी के प्रकार:
- रेतीला जलोढ़ मिट्टी
वर्षा:
- 60 से 90 सेमी सालाना।
प्रमुख फसलें:
- चावल, गेहूं, गन्ना
दक्षिण-पश्चिमी अर्ध-शुष्क कृषि-जलवायु क्षेत्र:
जिले:
- आगरा, फिरोजाबाद, इटावा आदि प्रमुख जिले है ।
मिट्टी के प्रकार:
- रेतीली और जलोढ़ मिट्टी।
वर्षा:
- 50 से 75 सेमी वार्षिक।
प्रमुख फसलें:
- चावल, गेहूं, गन्ना
मध्य मैदानी कृषि-जलवायु क्षेत्र:
जिले:
- लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, आदि प्रमुख जिले है ।
मिट्टी के प्रकार:
- जलोढ़ मिट्टी
वर्षा :
- 75 से 100 सेमी.
प्रमुख फसलें:
- चावल, गेहूं, गन्ना
बुंदेलखंड कृषि जलवायु क्षेत्र:
जिले:
- ललितपुर, चित्रकूट, झांसी, हमीरपुर, आदि प्रमुख जिले है ।
मिट्टी के प्रकार:
- लाल और काली चट्टानी मिट्टी, जिसमें जैविक पदार्थ की कमी होती हैं।
- बुंदेलखंड की मिट्टी के स्थानीय नाम राकर, परवा, काबर और मार हैं।
वर्षा :
- 75 से 100 सेमी.
प्रमुख फसलें:
- ज्वार, अरहर, उड़द, मूंग, तिल, सोयाबीन और चावल
उत्तर-पूर्वी मैदान कृषि-जलवायु क्षेत्र
जिले:
- गोरखपुर, गोंडा, देवरिया, बस्ती आदि प्रमुख जिले है ।
मिट्टी के प्रकार:
- रेतीली और जलोढ़ कैल्केरियस मिट्टी
वर्षा :
- 100 से 130 सेमी.
प्रमुख फसलें:
- चावल, गेहूं, गन्ना
पूर्वी मैदानी कृषि-जलवायु क्षेत्र:
जिले:
- आजमगढ़, फैजाबाद, सुल्तानपुर, वाराणसी, आदि प्रमुख जिले है |
मिट्टी के प्रकार:
- जलोढ़ मिट्टी की मिट्टी।
वर्षा:
- 100 से 120 सेमी.
प्रमुख फसलें:
- चावल, गेहूं, गन्ना
विंध्य कृषि-जलवायु क्षेत्र:
जिले:
- मिर्जापुर, सोनभद्र आदि प्रमुख जिले है ।
मिट्टी के प्रकार:
- काली और लाल मिट्टी, जिसमें जैविक कार्बनिक पदार्थ की मात्रा प्रयाप्त है |
प्रमुख फसलें:
- चावल, गेहूं, गन्ना
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