प्रश्न।
जेट स्ट्रीम का वर्णन कीजिए तथा इसके महत्त्व पर प्रकाश डालिये। ( UPPSC, 2020)
उत्तर।
जेट स्ट्रीम एक पवन है जिसकी चौड़ाई कुछ सौ किलोमीटर की होती है और यह क्षोभ मंडल के ऊपरी भाग (8-10 किमी ऊंचाई पर) में बहती है और इसकी चाल काफी तेज (120 किमी/घंटा से 500 किमी/घंटा) होती है।
- जेट धाराएँ दोनों गोलार्द्धों में पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं।
- प्रत्येक गोलार्द्ध में दो जेट स्ट्रीम धाराएँ होती हैं जो दो भिन्न वायुराशियों की सीमा रेखा के बीच बहती हैं।
- इनका नाम निम्नलिखित हैं:
- उपोष्णकटिबंधीय जेट स्ट्रीम जो दोनों गोलार्द्धों में 20 से 35 डिग्री अक्षांश के बीच बहती है।
- ध्रुवीय जेट स्ट्रीम जो दोनों गोलार्द्धों में 50 से 60 डिग्री अक्षांशों के बीच बहती है।
- सर्दियों में दो वायुराशियों के बीच तापमान प्रवणता की प्रयाप्त अंतर होने के कारण सर्दियों में जेट धाराओं की गति बढ़ जाती है।
जेट स्ट्रीम का महत्व:
- जेट स्ट्रीम का स्थान से हम वैश्विक मौसम पैटर्न को समझने में आसानी होती है क्योकि जेट स्ट्रीम ठंडी और गर्म हवा के बीच की सीमा रेखा पर स्थित हैं।
- जेट स्ट्रीम की दिशा में सवारी करने से विमान का समय में बचत और ईंधन की खपत भी कम हो जाती है। उदहारण के लिए, जेट स्ट्रीम के दिशा में उड़ान करने से जापान से अमेरिका जाने पर 18 घण्टे के बजाय 11 घंटे ही लगते है।
- जेट स्ट्रीम मानसूनी हवाओं की शुरुआत और वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, भारत में मानसून की शुरुआत तभी होती है जब उपोष्णकटिबंधीय जेट स्ट्रीम हिमालय के दक्षिण से हटकर हिमालय के उत्तर में चला जाता है।
- उपोष्णकटिबंधीय जेट स्ट्रीम सर्दियों में भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में वर्षा भी लाती है जो सर्दी के फसल के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होती है ।
- जेट धाराएँ समताप मंडल में नमी लाती हैं जिससे रात्रिचर बादलों का विकास होता है।
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