प्रश्न।
1858 से पहले, लोग और भारत की राजनीति सांप्रदायिक नहीं थी, न्यायोचित सिद्ध कीजिये ।
उत्तर।
नकारात्मक शब्दों में, साम्प्रदायिकता किसी एक धर्म, राजनैतिक , समाज के हितो को बढ़ावा देने को बोलते है।
निम्नलिखित सबूत है जो हमें बताता है कि 1858 से पहले लोग और भारतीय राजनीति सांप्रदायिक नहीं थे :-
1857 के विद्रोह में लोगों , सैनिकों से लेकर शासक तक सभी स्तरों पर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पूर्ण समन्वय/एकता अंग्रेजों के खिलाफ देखा गया था।
उदाहरण के लिए,
- सभी विद्रोहियों ने चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान, बहादुर शाह जफर को बादशाह के रूप में स्वीकार किया।
- रानी लक्ष्मीबाई को अफगान सैनिकों का समर्थन प्राप्त था।
- नाना साहब के पास अज़ीमुल्लाह (मुस्लिम राजनीतिक प्रचारक) थे।
हिंदू और मुसलमानों की एक-दूसरे की भावनाओं का एक-दूसरे द्वारा सम्मान किया जाता था।
उदाहरण के लिए,
- गोहत्या को मुस्लिम प्रधानों ने अपने कुछ क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगा के रखा था।
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