प्रश्न।
1857 का विद्रोह भारत में विस्तारवादी नीतियों, आर्थिक शोषण और औपनिवेशिक शासन के दोषपूर्ण प्रशासन चरित्र का संचयी प्रभाव था।
उत्तर।
1857 के विद्रोह के कारण निम्नलिखित हैं:
राजनीतिक विस्तारवादी नीतियां:
- अंग्रेजों की लालची नीतियों जैसे प्रभावी नियंत्रण, सहायक गठबंधन और हड़प के नीति ने रियासतों के मन में संदेह पैदा किया।
आर्थिक शोषण;
- ब्रिटिश वस्तुओं के प्रचार के कारण कारीगरों और हस्तशिल्प की दुर्दशा हो गयी ।
- भारतीय उद्योग की बर्बादी से कृषि पर दबाव बढ़ गया था।
- अत्यधिक अलोकप्रिय राजस्व नीतियाँ और कृषि भूमि पर भारी कराधान के कारण, इसके चुकाने के लिए किसानों को साहूकारों से भारी ऋण लेने पड़ते थे ।
प्रशासनिक कारण:
- कंपनी में हर स्तर पर भ्रष्टाचार मौजूद था।
सामाजिक-धार्मिक कारण :
- अंग्रेजों का मूल निवासियों के प्रति बेहतर जटिल रवैया था।
- ईसाई मिशनरियों की संदिग्ध भूमिका थी।
- सती प्रथा का उन्मूलन, विधवा पुनर्विवाह और महिला शिक्षा जैसे सामाजिक धार्मिक सुधार से भी लोगो में असंतुष्टि थी।
- मस्जिद और मंदिर की जमीन पर कर लगाया गया था।
- धार्मिक विकलांगता अधिनियम 1856, जिसने हिंदू रीति-रिवाजों को संशोधित किया
सिपाहियों में असंतोष :
- जाति और सांप्रदायिक निशान पहनने पर प्रतिबंध।
- सिपाही , शासन और धार्मिक विश्वासों के पूर्वाग्रहों से ग्रषित थे।
- सिपाही में विश्वास था कि समुद्र पार करने पर जाति खो जाती थी और सिपाहियों को समुन्द्र पर जाना पड़ता था ।
- ब्रिटिश सिपाहियों की तुलना में भारतीय सिपाहियों का असमान वेतन मिलता था ।
- सिंध और पंजाब में सेवा करते समय विदेश सेवा भत्ता सिपाहियों को नहीं दिया जाता।
- सिपाही को गलतफेमिया थी कि कैंटीन के आटे में हड्डियों की धूल मिलाते है ।
- रिपोर्ट के अनुसार, नई शुरू की गई एनफील्ड राइफल के कारतूस के ग्रीस , गाय और सुअर की चर्बी से बनी थी जो मुस्लिम और हिन्दू दोनों सिपाहियों के धर्म के खिलाप था।
You may like also:
ConversionConversion EmoticonEmoticon