प्रश्न।
नगरों की उत्पत्ति एवं विकास के उत्तरदायी कारको का वर्णन कीजिये। (UPPSC, 2020, 15 marks)
उत्तर।
नगर एक शहरी क्षेत्र हैं और वे देश के विकास और विकास की प्रेरक शक्ति भी होता है जहाँ मुख्यतः उद्योग और सेवा वाले कार्य होते हैं।
नगरों की उत्पत्ति और वृद्धि के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं।
- क्षेत्र का स्थानीय लाभ
- ऐतिहासिक कारक
- परिवहन और संचार का विकास
- अधिशेष या नए संसाधनों की खोज
- फर्मों का समूह
- बढ़ती जनसंख्या घनत्व
क्षेत्र के स्थानीय लाभ:
- कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में स्थान विशेष लाभ होते हैं जैसे बाढ़ और तूफान से प्राकृतिक सुरक्षा, संसाधनों का लाभ जैसे पानी और भूमि की उपलब्धता, व्यापार मार्गों की पहुंच, आदि; ये सब नगरों की उत्पत्ति और विकास के लिए कारक होते हैं।
- क्षेत्र का स्थानीय लाभ से, आसपास के क्षेत्र से संसाधनों का खिचाव होता है जिससे नगरों की उत्पति होती है।
- उदाहरण के लिए, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और कोच्चि , अपनी स्थानीय लाभ के कारण उनका विकास हुआ है।
ऐतिहासिक कारक:
- ऐतिहासिक कारक जैसे धार्मिक महत्व, औपनिवेशिक विशेषता, आदि शहरों की उत्पत्ति और विकास का कारण बनते हैं।
- उदाहरण के लिए, वाराणसी, आगरा और कांचीपुरम शहर के विकास इसके कुछ उदाहरण हैं।
परिवहन और संचार नेटवर्क का विकास:
- नए विकसित परिवहन और संचार नेटवर्क के किनारे अक्सर नए नगरों का उत्पति तथा पुराने नगरों का फैलाव होता है।
अधिशेष या नए संसाधनों की खोज:
- कोयला या उद्योग या निवेश जैसे नए संसाधन खोजने से शहरों की उत्पत्ति और विकास होता है।
- उदाहरण के लिए, धनबाद शहर कोलफील्ड के कारण विकसित हुआ, बोकारो स्टील सिटी और भिलाई, स्टील इंडस्ट्रीज की स्थापना के कारण विकसित हुए है।
समूह फर्म:
- फर्मों के समूह से नगरों का विस्तार होता है।
बढ़ता जनसंख्या घनत्व:
- कुछ क्षेत्रों में विनिर्माण और सेवा जैसी शहरी गतिविधियों की विशेषता नहीं होती है, फिरभी वे नगर कहलाते है क्योकि वहा उच्च जनसंख्या घनत्व हो जाने के कारण उन्हें शहर (जनगणना नगर ) घोषित किया जाता है।
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