प्रश्न।
भारत के सूखा-ग्रस्त क्षेत्रों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ( UPPSC, 2020, 10 Marks)
उत्तर।
सूखा एक ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब लम्बे समय तक अपर्याप्त वर्षा, अधिक वाष्पीकरण, भूजल और जलाशयों से अधिक पानी के उपयोग के कारण फसले सूख जाते है और जीव जन्तुओ के उत्पादकता में कमी आती है।
भारत के सूखा-ग्रस्त क्षेत्र:
भारतीय कृषि काफी हद तक मानसूनी वर्षा पर निर्भर है और मानसून में अनिश्चितता के कारण देश में फसल खराब हो जाती है और सूखा वाली स्थिति पैदा हो जाती है।
अनुमान के मुताबिक,
- कुल भौगोलिक क्षेत्रों का 19 प्रतिशत और देश की कुल आबादी का 12 प्रतिशत हर साल सूखे के कारण पीड़ित होता है।
सूखे की गंभीरता के आधार पर भारत को तीन सूखे क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
अत्यधिक सूखा क्षेत्र:
यह वह क्षेत्र है जहाँ वार्षिक वर्षा 90 मिमी से कम होती है।
क्षेत्र:
- राजस्थान के अधिकांश भाग (अरावली पहाड़ियों के पश्चिम में)
- कच्छ क्षेत्र गुजरात
गंभीर सूखा प्रभावित क्षेत्र:
क्षेत्र:
- पूर्वी राजस्थान के हिस्से
- मध्य प्रदेश का अधिकांश भाग
- दक्षिणी झारखंड
- ओडिशा का आंतरिक भाग
- तेलंगाना और कर्नाटक पठार
- उत्तरी तमिलनाडु
मध्यम सूखा प्रभावित क्षेत्र:
क्षेत्र:
- राजस्थान का उत्तरी भाग, पंजाब और हरियाणा
- पूर्वी महाराष्ट्र तथा कर्नाटक और दक्षिणी उत्तर प्रदेश
- तमिल नाडु के कुछ क्षेत्र
- Drought-prone area development
- Dought as a natural disaster
- Drought Crisis
- Mention the preventive and curative measures to contain problems of flood-prone and drought-prone areas of Bihar (( 63rd BPSC, 2019) )
- Write short notes on Drought-prone areas of India.
- भारत के सूखा-ग्रस्त क्षेत्रों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- बिहार के बाढ़ प्रभावित और सूखा प्रभावित क्षेत्रो की समश्याओ को काबू में रखने के लिए गतिरोधतात्मक और निदानात्मक उपायों का उल्लेख कीजिये।
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