विषयसूची:
- जलचक्र क्या है? इस चक्र के विभिन्न अवयव मिलकर कैसे काम करते है ? ( BPSC)
- जलीय चक्र में वाष्पीकरण की भूमिका समझाइये। ( UPSC)
- जल चक्र क्या है? ( NCERT)
प्रश्न।
जलचक्र क्या है? इस चक्र के विभिन्न अवयव मिलकर कैसे काम करते है ? ( 25 Marks, 66th BPSC geography)
उत्तर।
जल एक अक्षय और चक्रीय संसाधन है, इसका उपयोग और पुन: उपयोग किया जा सकता है।
जलचक्र क्या है?
पृथ्वी के जलमंडल के भीतर विभिन्न रूपों में पानी का संचलन( तरल, ठोस और गैसीय अवस्थाओं ) में होता है। जल अपने विभिन्न रूपों से होते हुए महासागरों, वायुमंडल, स्थलमंडल और जीवों के बीच निरंतर आदान-प्रदान होता है, जल के इस चक्रीय संचलन को जलीय चक्र कहते है।
जलचक्र के छह अवयव निम्नलिखित हैं:
- महासागरों में संग्रहित जल।
- वायुमंडल में जल।
- हिम एवं बर्फ में पानी का संग्रहण।
- धरातलीय जल बहाव।
- भूजल संग्रह।
- बायोमास (पौधे और जानवर) में संग्रहित जल
निम्नलिखित आरेख जलीय चक्र के विभिन्न घटकों के बीच संबंध और उसके कार्य की व्याख्या करता है।
जलीय चक्र में शामिल विभिन्न प्रक्रियाएं निम्नलिखित हैं:
वाष्पीकरण:
- वाष्पीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें तरल रूप में पानी जल निकायों से वाष्प में परिवर्तित हो जाता है।
- वाष्पीकरण प्रकिया से जल निकाय से जल वायुमंडल में पहुँचता है।
वाष्पोत्सर्जन:
- वाष्पोत्सर्जन प्रकिया से वनस्पति में उपस्थित जल, वाष्प के रूप में वायुमंडल में जाती है।
वाष्प-वाष्पोत्सर्जन:
- वाष्प-वाष्पोत्सर्जन प्रकिया से वनस्पति और भूमि में उपस्थित जल, वाष्प के रूप में वायुमंडल में जाती है।
संघनन:
- संघनन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जलवाष्प ठंडा होकर जल के तरल रूप में परिवर्तित हो जाती है। संघनन प्रकिया द्वारा ही जल, ठोस बर्फ के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
- संघनन द्वारा वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प से बादल बनते हैं।
- यह वाष्पीकरण की विपरीत प्रक्रिया है।
ऊर्ध्वपातन:
- ऊर्ध्वपातन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ठोस रूप (बर्फ) में पानी सीधे जलवाष्प में परिवर्तित हो जाता है।
- ऊर्ध्वपातन से बर्फ वाष्प बनकर सीधे वायुमंडल में पहुंचते है।
पिघलना:
- पिघलना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ठोस बर्फ ऊष्मा पाकर पानी के तरल रूप में परिवर्तित हो जाता है।
धरातलीय जल बहाव:
- अधिक वर्षा होने पर भूमि की सतह पर पानी के प्रवाह को सतही अपवाह कहा जाता है। धरातलीय जल बहाव से धरातल का पानी महासागरों तथा अन्य जल निकायों में पहुँचता है।
जल रिसाव :
- जल रिसाव एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सतही जल जमीन में प्रवेश करता है।
वर्षण:
- वर्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पानी तरल रूप या ठोस रूप में वायुमंडल से वापस पृथ्वी पर आती है।
- वर्षा एक प्रकार की वर्षण का उदाहरण है।
- ओलावृष्टि ,वर्षण का एक अन्य उदाहरण है।
जल चक्र, जिसे जल विज्ञान चक्र के रूप में भी जाना जाता है, एक सतत और प्राकृतिक प्रक्रिया है जो पृथ्वी पर स्थलमंडल, जलमंडल, जीवमंडल, वायुमंडल के बीच चक्रीय तरीके से पानी की गति और परिसंचरण का वर्णन करता है।
जल चक्र में विभिन्न चरणों के माध्यम से पानी का परिवर्तन शामिल होता है क्योंकि यह पृथ्वी की सतह और वायुमंडल के बीच चक्र करता है।
जल चक्र के प्रमुख चरण निम्नलिखित हैं:
वाष्पीकरण:
यह चक्र का प्रथम चरण है। इसमें सूर्य की गर्मी के कारण महासागरों, झीलों, नदियों और यहां तक कि मिट्टी और पौधों जैसे स्रोतों से तरल पानी को जल वाष्प में परिवर्तित करना शामिल है। पानी के अणु ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और वाष्प के रूप में वायुमंडल में ऊपर उठते हैं।
संघनन:
जैसे ही जल वाष्प वायुमंडल में ऊपर उठता है, यह ठंडा हो जाता है और छोटी पानी की बूंदों या बर्फ के क्रिस्टल में संघनित हो जाता है। ये छोटी-छोटी बूंदें मिलकर बादल बनाती हैं।
वर्षण:
जब बादलों में पानी की बूंदें मिलकर काफी भारी हो जाती हैं, तो वे वर्षा के रूप में पृथ्वी की सतह पर वापस गिरती हैं। यह बारिश, बर्फबारी, ओलावृष्टि या ओलावृष्टि का रूप ले सकता है।
सतह पर जल प्रवाह:
पृथ्वी की सतह पर गिरने वाली वर्षा जलधाराओं, नदियों और अंततः झीलों और महासागरों जैसे बड़े जल निकायों में प्रवाहित हो सकती है। कुछ वर्षा भी ज़मीन में समा जाती है और भूजल बन जाती है।
वाष्पोत्सर्जन:
पौधे अपनी जड़ों के माध्यम से मिट्टी से पानी अवशोषित करते हैं। फिर यह पानी वाष्पीकरण के समान वाष्पोत्सर्जन नामक प्रक्रिया के माध्यम से वायुमंडल में छोड़ा जाता है।
ऊर्ध्वपातन और निक्षेपण:
उर्ध्वपातन तरल चरण से गुजरे बिना पानी का ठोस (बर्फ) से सीधे गैस (जल वाष्प) में संक्रमण है। जमाव विपरीत प्रक्रिया है, जहां जल वाष्प सीधे बर्फ में बदल जाता है।
जल चक्र एक सतत, संतुलित प्रक्रिया है जो पृथ्वी के चारों ओर मीठे पानी को वितरित करने में मदद करती है। यह पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र, जलवायु विनियमन और विभिन्न मानवीय गतिविधियों के लिए पानी की उपलब्धता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह समझने में एक मौलिक अवधारणा है कि पानी कैसे चलता है और पर्यावरण में पुनर्चक्रित होता है।
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