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विभिन्न प्रकार के वाताग्र और उनसे संबंधित मौसम का विवरण दे। | 66th BPSC geography Optional Paper Solutions

  प्रश्न। 

 विभिन्न प्रकार के वाताग्र और उनसे संबंधित मौसम का विवरण दे। ( 25 Marks, 66th BPSC geography)

उत्तर।

वाताग्र वायुराशियाँ के साथ जुड़ा हुआ है। जैसा कि हम जानते हैं कि वायुराशि हवा के बड़े भाग होते हैं जिनमें नमी और तापमान में क्षैतिज अंतर बहुत कम होता है। जब दो अलग-अलग वायु राशियाँ मिलते हैं, तो वे आसानी से मिश्रित नहीं होते हैं। सीमा क्षेत्र पर दो अलग-अलग वायुराशियों के बीच वाताग्र जनन होता है सीमा  पर वाताग्र बनते है। 

दोनों गोलार्द्धों में 23 से 66 डिग्री अक्षांशों के बीच मध्य अक्षांशों में दो विभिन्न वायु राशियों के सीमा क्षेत्र पर वाताग्र बनते है। 

वाताग्र तापमान में अचानक परिवर्तन लाते हैं और हवा के ऊपर उठने के कारण बादल बनते हैं और वर्षा का कारण बनते हैं।


चार प्रकार के वाताग्र होते हैं और प्रत्येक वाताग्र से जुड़ा मौसम अलग होता है। विभिन्न प्रकार के वाताग्र और उनसे जुड़े मौसम का विवरण निम्नलिखित है:

  • शीत वाताग्र
  • उष्ण वाताग्र
  • अचर  वाताग्र
  • अधिविष्ट वाताग्र

different types of fronts and the weather associated

शीत वाताग्र:

जब शीत और भारी वायुराशि  उष्ण वायुराशि को ऊपर धकेल कर आगे बढ़ती है, तो इस संपर्क क्षेत्र को शीत वाताग्र कहा जाता है।

शीत वाताग्र से जुड़े मौसम निम्नलिखित हैं:

  • शीत वायुराशि के आगे बढ़ने के दौरान:
  • उष्ण वायुराशि वाले क्षेत्रों में बहुत ही कम समय में तापमान में तेजी से कमी होती है।
  • गर्म वायुराशि  के ऊपर उठने से , अधिक ऊंचाई पर पक्षाभ (सिरस) बादलों के निर्माण होती हैं और निंबोस्टार्टस और क्यूम्यलोनिम्बस बादल कम ऊंचाई पर बनते हैं और उष्ण वायुराशि वाले क्षेत्रों में गरज के साथ कम वर्षा होती है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका के गर्म क्षेत्र में बवंडर(टोर्नेडो) आते हैं।


उष्ण वाताग्र:

जब उष्ण वायुराशि आक्रामक रूप से शीत वायुराशि के ऊपर चढ़ती है इसके संपर्क में आने वाले क्षेत्र को उष्ण वाताग्र कहते है। 

उष्ण वाताग्र से जुड़े मौसम निम्नलिखित हैं:

  • शीत वाताग्र बनने पर तापमान में शीत वाताग्र में तेजी से कमी आती थी लेकिन उष्ण वाताग्र क्षेत्र में तापमान में मामूली वृद्धि और तापमान में वृद्धि धीमी होती है।
  • ठंडी वायुराशियों के ऊपर बड़े क्षेत्रों पर बादल बनते हैं और मध्यम वर्षा होती हैं।


अचर  वाताग्र:

जब दो वायु वायुराशियाँ मिलते हैं और कोई भी ऊपर नहीं उठता और ना ही  वायुराशियाँ एक दूसरे को धकेलते है, इस प्रकार के संपर्क क्षेत्र को अचर  वाताग्र कहते है। 

अचर  वाताग्र से जुड़े मौसम निम्नलिखित हैं:

  • गर्म हवाएं अचर वाताग्र के समानांतर चलती हैं।
  • क्यूम्यलोनिम्बस बादल अचर  वाताग्र  के ऊपर बनते हैं और अचर वाताग्र क्षेत्रों में भारी वर्षा और बाढ़ आते हैं।


अधिविष्ट वाताग्र:

जब शीत  वायुराशि पूर्णतः उष्ण वायुराशि को ऊपर उठा देती है तो इस प्रकार के सम्पर्क क्षेत्र को अधिविष्ट वाताग्र कहते है। 

निम्नलिखित मौसम अधिविष्ट वाताग्र से जुड़े हैं:

  • जब शीत वायुराशियों की पवन घूमते हुए निम्न वायुदाब वाले क्षेत्र तथा उष्ण वायुराशियों को ऊपर उठाती है तो अधिविष्ट वाताग्र क्षेत्र में मध्य अक्षांश के चक्रवात या समशीतोष्ण चक्रवात या अतिरिक्त चक्रवात का जन्म होता है। 
  • अधिविष्ट वाताग्र में तेज पवन के साथ कई दिन तक वर्षा होती है। 
  • अधिविष्ट वाताग्र अक्सर पश्चिमी यूरोप में उत्पन्न होते है। 


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