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जैव विविधता क्या है? | जैव विविधता और संरक्षण | अध्याय 16 कक्षा 11 NCERT

 जैव विविधता क्या है?

उत्तर:

  • जैव विविधता दो शब्दों से मिलकर बनी है-जैव (जीवन) और विविधता (विभिन्नता)। अतः साधाहरण शब्दो में हम कह सकते है की विभिन्न प्रकार के जीवों ( पौधों, जानवरों, सूक्ष्मजीवों) की विविधता को जैव विविधता कहा जाता है।
  • जैव विविधता का अर्थ पौधों, जानवरों, सूक्ष्मजीवों, जीनों और पारिस्थितिक तंत्रों की किस्मों ( विभिन्नता ) से भी है।


जैव विविधता का अर्थ पृथ्वी पर रहने वाले जीवधारियों के बीच परिवर्तनशीलता  को भी कहते है, इसमें शामिल हैं:

  • एक ही प्रजाति के बीच परिवर्तनशीलता ( जैसे कुत्ता प्रजाति के अनेक प्रकार होती है जैसे जर्मन शेफर्ड, पोमेरेनियन, साइबेरियन हस्की, बुलडॉग, आदि )।
  • विभिन्न प्रजातियों में परिवर्तशीलता। 
  • एक ही पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर परिवर्तनशीलता। 
  • विभिन्न  पारिस्थितिकी तंत्रो के बीच परिवर्तनशीलता( जैसे रेगिस्तान पारिस्थितिकी तंत्र, जंगल पारिस्थितिकी तंत्र, मैदानी पारिस्थितिकी तंत्र, आदि ।


जैव विविधता हमारी जीवित संपदा है और इसे विकसित होने में हजारों साल लगते हैं।सूर्य का प्रकाश और वर्षा जैव विविधता के दो महत्वपूर्ण आदान हैं। जैव विविधता सामान्यतः अधिकतम होती है जहाँ भारी वर्षा होती है और पर्याप्त रूप से उच्च सूर्य का प्रकाश होता है।

उदाहरण के लिए,

भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक सूर्य का प्रकाश और वर्षा आमतौर पर कम हो जाती है और इस प्रकार भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक जैव विविधता भी घट जाती है।

जैव विविधता बढ़ाने के प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:

  • वर्षा और धूप
  • जैविक उत्पादकता
  • पारिस्थितिकी तंत्र की आयु
  • पारिस्थितिकी तंत्र में मध्यवर्ती अशांति
  • बड़ी संख्या में पोषी स्तर [उत्पादक, प्राथमिक उपभोक्ता, द्वितीयक उपभोक्ता, तृतीयक उपभोक्ता, आदि]


जैव विविधता के लिए प्रमुख खतरे निम्नलिखित हैं:

  • निवास का विनाश
  • प्रदूषण
  • जंगल की आग
  • विदेशी प्रजातियों का परिचय
  • अत्यधिक दोहन
  • जनसंख्या


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