प्रश्न।
उच्चस्थ समतलन (अल्टीप्लेनेसन) अवधारणा का वर्णन कीजिए। (UPSC 2021, 10 Marks, 150 words)
उत्तर
सबसे पहले हमें परि-हिमनद क्षेत्र को जानने की जरुरत है।
परि-हिमनद प्रदेश क्या है?
- परि-हिमनद क्षेत्र ग्लेशियरों ( हिमनद ) के बहुत पास(near) में होता है। हलाकि यहाँ पर हमेशा बर्फ नहीं जमा रहता है लेकिन इस क्षेत्र में बर्फ कभी पिघलने है कभी जमते है। यह क्षेत्र हिमनद के प्रभाव क्षेत्र में आता है अथार्त इस क्षेत्र में हिमनद द्वारा लाये गए अपरदित पदार्थ निक्षेपित होते है।
- परिहिमनद क्षेत्र ज्यादातर उच्च उचाईयो तथा उच्च अक्षांसो पर पाए जाते है।
उच्चस्थ समतलन (अल्टीप्लेनेसन) की अवधारणा:
उच्चस्थ समतलन (अल्टीप्लेनेसन) एक जमीन की समतलीकरण की प्रकिया है जो की उच्च ऊंचाई परि-हिमनद क्षेत्रो में होते है।
उच्चस्थ समतलन (अल्टीप्लेनेसन) प्रक्रिया के तहत:
- हिमनद अपने साथ हिमोढ़( मलबा या अपरदित पदार्थ) को लाकर या तो परि-हिमनद क्षेत्रो के अवसाद (गर्त ) क्षेत्रो में जमा करती है या परि-हिमनद क्षेत्रो के ढलान जमा करके उच्चस्थ समतलन टैरेस बनाती हैं।
- परि-हिमनद क्षेत्रो में, भूमि का समतलीकरण भी अपरदन की प्रक्रिया के माध्यम से होता है।
उच्चस्थ समतलन (अल्टीप्लेनेसन) को इक्वि-प्लानेशन और क्रायो-प्लानेशन के रूप में भी जाना जाता है। उच्चस्थ समतलन (अल्टीप्लेनेसन) शब्द का प्रयोग पहली बार 1916 में एकिन द्वारा पेरिग्लेशियल क्षेत्रों (परिहिमनद क्षेत्र ) में पेरिग्लेशियल जलवायु के तहत समतलन प्रक्रिया को समझाने के लिए किया गया था।
1912 में केर्न्स द्वारा इसी अवधारणा की व्याख्या की गई थी, लेकिन उन्होंने इक्वि-प्लानेशन शब्द का इस्तेमाल किया।
1946 में ब्रायन द्वारा फिर से उसी अवधारणा को समझाने के लिए , उन्होंने क्रायो-प्लानेशन शब्द का इस्तेमाल किया था ।
अधिकतर भूगोलवेत्ता या अन्य विद्वान पेरीग्लेशियल क्षेत्रों ( परिहिमनद क्षेत्र ) भूमि को समतल करने की प्रक्रिया को समझाने के लिए क्रायो-प्लानेशन शब्दों का उपयोग करते हैं।
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