प्रश्न।
जलीय अपरदन चक्र के नवोन्मेष के कारणों की विवेचना कीजिए तथा तज्जनित बहुचक्रीय स्थलरूपों की विशेषताओं का सोदाहरण वर्णन कीजिए। (UPPSC 2011)
अपरदन-चक्र में व्यवधानों की प्रकृति का वर्गीकरण कीजिए। उनकी भू-आकृति अभिव्यक्तियों का भी वर्णन कीजिए। ( UPPSC 2003)
उत्तर।
जलीय अपरदन चक्र का नेतृत्व बहते जल भू-आकृतिक एजेंटों द्वारा किया जाता है। जब नदी के अपरदन दर अचानक ज्यादा हो जाती है तो हम उसे जलीय अपरदन चक्र के नवोन्मेष कहते है। जलीय अपरदन चक्र के नवोन्मेष से अपरदन की दर बढ़ती हैं इसके साथ अपरदन चक्र पौढ़ा अवस्था या वृद्धा अवस्था से फिर से युवा अवस्था में आ जाता है।
अपरदन के नदी चक्र के नवोन्मेष( कायाकल्प ) के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- अंतर्जात शक्तियों के कारण भूमि का ऊर्ध्वाधर ऊपर उठना। उदाहरण के लिए, रांची में पैटलैंड के गठन से दामोदर घाटी में नदी के कटाव के चक्र का कायाकल्प हो गया है।
- भार मुक्त होने के कारण भी भूमि भी ऊर्ध्वाधर ऊपर उठती है । उदाहरण के लिए, अलास्का जैसे उच्च अक्षांश क्षेत्र में, ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जिससे दबाव के मुक्त होने के कारण भूमि ऊर्ध्वाधर ऊपर उठ रही है।
- आउटलेट या समुद्र तल के आधार स्तर का नीचे गिरने के कारण भी अपरदन के नदी चक्र के नवोन्मेष होता हैं । समुद्र के स्तर में गिरावट या तो ग्लोबल कूलिंग या टेक्टोनिक डिप्रेशन के कारण से होता है।
- अपरदन के नदी चक्र के नवोन्मेष से अपरदन चक्र की समय बढ़ती है और बहुचक्रीय (पॉलीसाइक्लिक) लैंडफॉर्म का निर्माण होता है।
पॉलीसाइक्लिक लैंडफॉर्म वे लैंडफॉर्म हैं जो कई अपरदन चक्रों द्वारा निर्मित होते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड नदियों की घाटियाँ लगातार तीन उत्थान प्रक्रियाओं द्वारा बनाई गई हैं, इसलिए वे पॉलीसाइक्लिक लैंडफॉर्म के उदाहरण हैं।
बहुचक्रीय स्थलरूपों की विशेषताये :
- बहुचक्रीय अपरदन से बहुमंजिला घाटी है या घाटियों के ऊपर घाटियाँ का निर्माण होता हैं। उत्तराखंड नदी घाटी बहुमंजिला घाटी का उदाहरण है। जैसा कि हम जानते हैं कि संकीर्ण वी-आकार की घाटी नदी चक्र के युवा चरण की एक विशेषता है और चौड़ी घाटी नदी के अपरदन चक्र के वृद्धा चरण की एक विशेषता है। यदि घाटी अपरदन के बहुचक्रीय प्रकिया से गुजरता है तो चौड़ी घाटी के नीचे संकरी और गहरी घाटी देखने को मिलता है।
- पेनेप्लेन का ऊचे भूमि पर मिलना भी बहुचक्रीय अपरदन का उदाहरण है । दरअसल, हम जानते है कि अपरदन चक्र के अंतिम अवस्था में पेनेप्लेन का निर्माण लगभग आधार तल पर होता है। लेकिन पॉलीक्लिनिक अपरदन चक्र में भूमि के उत्थान के कारण, यही पेनेप्लेन ऊचे भूमि पर पाया जाता है। उदाहरण के लिए, रांची का पैटलैंड एक उत्थानित मैदान का एक उदाहरण है।
- युवा फ़्लूवियल लैंडफ़ॉर्म के ऊपर पुराने फ़्लूवियल लैंडफ़ॉर्म का मिलना भी बहुचक्रीय अपरदन का उदाहरण है । उदाहरण के लिए, सकरी और गहरी विसर्प (मेन्डरिंग) नदी चैनल पॉलीसाइक्लिक लैंडफॉर्म का एक उदाहरण है।
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