प्रश्न ।
भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता ऊंची क्यों है ?
( NCERT class 12, अध्याय 1. जनसंख्या : वितरण, घनत्व , वृद्धि, और संघटन , भारत लोग और अर्थव्यवस्था)
उत्तर।
आर्थिक स्तर के आधार पर, भारत की जनसंख्या को दो समूहों में विभाजित किया जा सकता है:
- श्रमिक जनसँख्या।
- अश्रमिक जनसँख्या।
श्रमिक आबादी में मुख्य श्रमिक और सीमांत श्रमिक दोनों शामिल हैं। मुख्य कार्यकर्ता वह व्यक्ति है जो वर्ष में कम से कम छह महीने काम करता है। एक सीमांत श्रमिक वह व्यक्ति होता है जो एक वर्ष में छह महीने से कम समय तक काम करता है।
आर्थिक गतिविधियों में शामिल लोगों की संख्या को श्रम सहभागिता दर कहते है। श्रम सहभागिता दर कुल जनसँख्या में काम कर रही जनसख्याँ (मुख्य श्रमिक और सीमांत श्रमिक दोनों) का प्रतिशत है।
2011 में भारत की श्रम सहभागिता दर केवल 39.8 प्रतिशत थी। काश्रम सहभागिता दर पूरे भारत में एक समान नहीं है।
जिन राज्यों में श्रम सहभागिता दर अधिक है वो राज्य हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मेघालय शामिल हैं। केंद्र शासित राज्य में दादरा नगर हवेली और दमन दीव (49.9 प्रतिशत) की श्रम सहभागिता दर सबसे ज्यादा है।
भारत के इन राज्यों में अन्य क्षेत्रों तुलना में श्रम सहभागिता दर उच्च है इसका मुख्य कारण आर्थिक विकास का निम्न स्तर का होना है क्योंकि निर्वाह या निकट निर्वाह आर्थिक गतिविधियों को करने के लिए अनेक मैनुअल श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
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