प्रश्न।
भारत में जल विद्युत पर एक निबंध लिखें।
( NCERT class 12, अध्याय 7-खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, भारत लोग और अर्थव्यवस्था)
उत्तर।
जल विद्युत ऊर्जा का एक स्रोत है जो बहते पानी से उत्पन्न होता है। इसे उत्पन्न करने के लिए नदी पर बांध बनाकर वर्षा जल को एकत्रित कर संग्रहित किया जाता है। बांध के नीचे जो टर्बाइन लगाई जाती है, वह अंदर पाइप के जरिए उस पर पानी डालती है। जब पानी टरबाइन पर ऊंचाई से गिरता है, तो टरबाइन ब्लेड गति करती है और यह यांत्रिक ऊर्जा (गति ऊर्जा) को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है। इसे जलविद्युत कहते हैं।
नॉर्वे दुनिया का पहला देश था जिसने जलविद्युत सबसे पहले विकसित किया। यह ऊर्जा का एक अ -समाप्य लेकित एक परंपरागत स्रोत है क्योंकि इसके लिए (बांध बनाने के लिए ) स्थानीय समुदाय के बड़े विस्थापन होती है इसके साथ वन का बड़ा क्षेत्र जलमग्न होता हैं।
दुनिया में पनबिजली के प्रमुख उत्पादक पराग्वे, नॉर्वे, ब्राजील और चीन हैं। पनबिजली उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में 7वें स्थान पर है। पहला हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट भारत में 1898 में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में स्थापित किया गया था। भारत में ब्रह्मपुत्र बेसिन में (लगभग 24 GW) जल विद्युत बनाने की सबसे बड़ी जलविद्युत क्षमता है।
भारत में कुछ महत्वपूर्ण जल विद्युत स्टेशन हैं:
- टिहरी बांध उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर बना है और इसकी बिजली क्षमता 2400 मेगावाट है जो भारत में सबसे ज्यादा हैं ।
- भाखड़ा नांगल बांध सतलुज नदी पर है जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
- गांधी सागर मध्य प्रदेश में स्थित चंबल नदी पर है।
- नागार्जुनसागर कृष्णा नदी पर स्थित है जो आंध्र प्रदेश में स्थित है।
- रिहंद बांध रिहंद नदी पर है जो सोन नदी की सहायक नदी है और यह उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित है।
- दामोदर घाटी परियोजना झारखंड की दामोदर नदी पर है।
- नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांधों की एक श्रृंखला बनाई गई है।
जल विद्युत के लाभ:
- यह ऊर्जा का काफी हद तक गैर-प्रदूषणकारी स्रोत है, हालांकि, बांध बनाने से जलमग्न होने से और जंगलों के डूबने से मीथेन (जो ग्रीनहाउस है ) गैस उत्सर्जन का होता है। उदाहरण के लिए, रिहंद बांध में बड़े मात्रा में मीथेन गैस का उत्सर्जन होता है जो भारत में मीथेन हॉटस्पॉट में से एक है।
- यह प्रारंभिक उच्च लागत को छोड़ दे तो बिजली का सस्ता स्रोत है।
- यह बिजली के साथ-साथ सिंचाई, मछली पकड़ने और पर्यटन को बढ़ावा देता है।
जल विद्युत का नुकसान;
- बांधों के निर्माण से भूमि जलमग्न हो जाती है जिससे स्थानीय समुदायों, विशेषकर आदिवासी समुदायों का विस्थापन होता है।
- समुदायों का विस्थापन बहुत ही महंगा पड़ता हैं क्योकि भारत की आबादी अधिक है और भूमि संसाधन बहुत कम हैं।
- बांधों का निर्माण केवल सीमित स्थानों पर ही किया जा सकता है, प्रायः पहाड़ी इलाकों में यह संभव होता हैं।
- बांध बनाने से बड़े पारिस्थितिक तंत्र नष्ट हो जाते हैं जब वे पानी के बांध में डूब जाते हैं।
- बड़े बांधों के निर्माण को लेकर समाज में आक्रोश देखने को मिलता हैं। उदाहरण के लिए, गंगा पर टिहरी बांध या नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के निर्माण के खिलाप लोगों ने बहुत बड़ा आंदोलन किया था ।
- बड़े बांध के निर्माण से जलाशय प्रेरित भूकंप की संभावना बढ़ जाती है।
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