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जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वंदों और विवादों को जन्म देते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाइए।

 प्रश्न। 

जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वंदों और विवादों को जन्म देते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाइए। 

( NCERT class 12, अध्याय 6: जल संसाधन , भारत लोग और अर्थव्यवस्था)

उत्तर। 

बढ़ती आबादी के कारण सिंचाई, औद्योगिक उपयोग, घरेलू उपयोग आदि के लिए जल संसाधनों की मांग बढ़ रही है, जिसके कारण प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता दिन-ब-दिन घटती जा रही है। पानी की स्थिर आपूर्ति और पानी की बढ़ती मांग के कारण, भारत में जल संसाधन बहुत तेजी से घट रहे हैं चाहे वह भूजल हो या सतही जल, इससे सामाजिक संघर्ष और विवाद को जन्म दे रहे हैं।

उदाहरण के लिए,

  • तमिलनाडु में गहन फसल उगाने के कारण जल की मांग बढ़ती जा रही है और कर्नाटक में भी खासकर में बंगलुरु बढ़ते आबादी के कारण जल की मांग बढ़ रही है , जिसके कारण कावेरी नदी के जल बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच सामाजिक संघर्ष दिख रहा है। यह विवाद दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है।
  • हरियाणा में सिंचित पानी की भी कमी बढ़ती है रही है और पंजाब अपने स्वयं के जल के उपभोग के कारण हरियाणा को और ज्यादा जल साझा करने को तैयार नहीं है, इससे पंजाब और हरियाणा के बीच सामाजिक संघर्ष हो सकता है।
  • महानदी नदी के जल के बंटवारे को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच भी विवाद है।
  • सिंधु नदी जल बंटवारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच सामाजिक संघर्ष भी देखा गया है।
  • भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी को लेकर विवाद है। 
  • अफ्रीका में पानी की कमी के कारण कई विवाद और युद्ध हो गए हैं।

इसलिए उपरोक्त उदाहरण से हम कह सकते है की जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वंदों और विवादों को जन्म देते हैं। 

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