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क्या साक्षरता मानव विकास के स्तर को परिलक्षित करती है ? विवेचना कीजिए।

 प्रश्न। 

क्या साक्षरता मानव विकास के स्तर को परिलक्षित करती है ? विवेचना कीजिए। 

( NCERT class 12, अध्याय 3-  मानव विकास , भारत लोग और अर्थव्यवस्था)

उत्तर। 

मानव विकास एक वृद्धि की प्रकिया है जिसमे लोगो के विकल्पों का विस्तार किया जाता है लोगो को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और, आय के अवसरों को बढ़ाकर। 

साक्षर वह व्यक्ति है जो किसी एक भाषा की समझ के साथ पढ़-लिख सकता है।

साक्षरता मानव विकास के स्तर को परिलक्षित करती है या नहीं इसके दो पहलू है -

नहीं, साक्षरता मानव विकास की स्थिति को नहीं दर्शाती है:

  • साक्षरता पूर्ण शिक्षा नहीं है और यह शिक्षा की ओर एक कदम है। एक अनपढ़ व्यक्ति भी निर्णय लेने और शांतिपूर्ण जीवन यापन करता है उसके पास विकल्प साक्षर व्यक्ति से भी ज्यादा हो सकता है।
  • साक्षरता केवल लोगों को पढ़ने-लिखने की शक्ति देती है, मानव विकास केवल पढ़ना-लिखना नहीं है, यह उससे कहीं अधिक है। मानव विकास के लिए साक्षरता पर्याप्त नहीं है।

हाँ, साक्षरता मानव विकास की स्थिति को दर्शाती है:

  • मानव विकास सूचकांक की गणना के लिए तीन प्रमुख मानदंड हैं- साक्षरता दर, जीवन प्रत्याशा और प्रति व्यक्ति आय।
  • साक्षरता दर मानव विकास सूचकांक की गणना के लिए तीन मापदंडों में से एक है और साथ ही साक्षरता लोगो की ज्ञान को बढ़ाकर और रूढ़ियों को रोककर लोगों को नए विकल्प उपलब्द कराता है। तो, हाँ, साक्षरता मानव विकास की स्थिति को दर्शाती है।
  • भारत में, केरल ने लगभग 94 प्रतिशत साक्षरता दर के कारण मानव विकास सूचकांक में पहले स्थान पर है।


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