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इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के लिए उपाय सुझाएँ।

 प्रश्न। 

इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के लिए उपाय सुझाएँ। 

( NCERT class 12, अध्याय 9: भारत के सन्दर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास  , भारत लोग और अर्थव्यवस्था)

उत्तर। 

इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र को पहले राजस्थान नहर के रूप में जाना जाता था और यह भारत की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है। नहर परियोजना 1958 में शुरू की गई थी और 1980 के दशक के अंत में दो चरणों में पूरी हुई है। यह नहर पंजाब के हरिके नामक बांध से निकलती है जो सतलज नदी पर हैं। परियोजना के तहत कुल 19.63 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई।

इंदिरा गांधी नहर ने कमान क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव जैसे कि सिंचित क्षेत्रों में वृद्धि, गहन फसल उगाना, चरागाह , वनीकरण मेंबढ़ोतरी हुई। लेकिन साथ ही नहर ने कई पर्यावरणीय समस्याएं पैदा की हैं जैसे कि जलभराव और मिट्टी का लवणीकरण। समय के साथ , क्षेत्र में भौतिक पर्यावरण के ह्रास के कारण इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र की स्थिरता पर संदेह उत्पन्न हो रहा है।

इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के लिए पांच उपाय निम्न लिखित हैं:

  • जल प्रबंधन नीति को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। नहर मार्ग को पक्का बनाना (लाइनिंग), भूमि विकास, समतलीकरण और कमान क्षेत्रों में नहर के पानी के समान वितरण को सुनिश्चित करना ताकि पानी के परिवहन नुकसान को कम किया जा सके।
  • अधिक पानी वाली फसलें जैसे धान, गन्ना की जगह खट्टे फल वाले वृक्षों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। खट्टे फल वाले वृक्षों यहाँ की जलवायु के लिए उपयुक्त हैं। 
  • जलभराव और मिट्टी की लवणता से प्रभावित क्षेत्र को पुनरुद्धार किया जाना चाहिए।
  • इस क्षेत्र में वनीकरण, आश्रय क्षेत्र, वृक्षारोपण और चारागाह विकास जैसे पारिस्थितिक विकास की आवश्यकता है।
  • इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्रों में अन्य आर्थिक क्षेत्र ( उद्योग व् सेवा ) के विविधीकरण की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में केवल कृषि और संबद्ध गतिविधियों के विकास के माध्यम से क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता प्राप्त नहीं की जा सकती है।

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