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विकासहीन वृद्धि और विकासयुक्त वृद्धि पर एक लघु निबंध लिखिए।

 प्रश्न। 

विकासहीन वृद्धि और विकासयुक्त वृद्धि पर एक लघु निबंध लिखिए। 


( कक्षा 12: मानव भूगोल के मूल सिद्धांत, अध्याय 4 मानव विकास)

उत्तर। 

वृद्धि और विकास की अवधारणा समय के साथ विकसित हुआ है। विश्व युद्ध के दौर में वृद्धि और विकास के मायने एक ही थे। बाद में इसकी अवधारणा में स्पष्टता आई जब यह पाया गया की कुछ देशों ने उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल की लेकिन वास्तव में वहां गरीब लोगों की संख्या में वृद्धि हुई , और अमीर और गरीब के बीच की खाई में वृद्धि हुई।  इसलिए, बाद में वृद्धि और विकास की अवधारणा को अलग किया गया।


विकास के बिना वृद्धि से देश की जीडीपी बढ़ती है लेकिन देश के लोगो की जीवनशैली में सुधार नहीं होती हैं। यह अमीर लोगों को और अमीर तथा गरीब लोगों को और गरीब बना देता हैं। अस्पताल, परिवहन और स्कूल सुविधाओं जैसी सुविधाओं में वृद्धि तो होती है लेकिन केवल अमीर लोग ही उसका उपयोग कर पाते हैं। गरीब लोग बुनियादी सुविधाओं से दूर रहते हैं । देश की आर्थिक वृद्धि (जीडीपी) के नाम पर चुनिंदा लोगों द्वारा देशों के संसाधनों का दोहन किया जाएगा जो पर्यावरण के लिए नुकसान दायक होगा और साथ ही देश के सतत विकास के लिए हानिकारक होगा । देश मानव संसाधन की अपनी पूरी क्षमता को उपयोग  नहीं कर पाएगा क्योंकि आबादी का एक बड़ा हिस्सा निरक्षर और अस्वस्थ होगा।


वृद्धि के साथ विकास से देश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के साथ-साथ देश के लोगो की आजीविका की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह उन समग्र सुविधाओं में वृद्धि करेगा जो आर्थिक और सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना लगभग सभी आबादी के लिए सुलभ होंगी। वृद्धि के साथ विकास होने से देश का विकास समावेशी होगा जो मानव संसाधनों की गुणवत्ता में सुधार करेगा और अंततः देश के सतत विकास में मदद करेगा।

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