प्रश्न।
विश्व के विभिन्न भागों में आयु लिंग में असंतुलन के लिए उत्तरदाई कारकों तथा व्यवसायिक संरचना की विवेचना कीजिए।
( कक्षा 12: मानव भूगोल के मूल सिद्धांत, अध्याय 3 जनसंख्या संगठन)
उत्तर।
जनसंख्या की लिंग-आयु संघटन विभिन्न आयु समूहों में महिलाओं और पुरुषों की संख्या को दर्शाती है। जनसंख्या पिरामिड का उपयोग जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना को दर्शाने के लिए किया जाता है।
विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग में असंतुलन देखने को मिलता है साथ ही व्यवसायिक संरचना में भी विभिन्नता देखने को मिलता हैं।
निम्नलिखित कारणों से विश्व के विभिन्न भागों में जनसंख्या के आयु-लिंग और व्यावसायिक संरचना में व्यापक भिन्नता और असंतुलन है:
विश्व के विभिन्न भागों के देश जनसांख्यिकीय संक्रमण के एक अलग-अलग चरण में है। जिसके कारण सामाजिक-आर्थिक विकास के स्तर में व्यापक अंतर है।
जिस देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर निर्भर है, वहां एक बड़ी युवा आबादी है और बड़ा परिवार एक पूंजी होता है क्योकि वे खेतो में हाथ बटाते है। लिंगानुपात महिलाओं के लिए अनुकूल नहीं होती है क्योकि समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता हैं । ग्रामीण से शहरी प्रवास में पुरुषो की संख्या ज्यादा होती है इस कारण से शहरों में पुरुषो की संख्या ज्यादा होती है और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है। अफ्रीका और एशिया के अधिकांश विकासशील देश इसी श्रेणी में आते हैं।
विकसित और औद्योगीकृत देश जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस की जनसख्याँ में अधिक उम्र वाले लोगो की संख्या बढ़ रही हैं। लिंगानुपात भी महिलाओं के अनुकूल है। आबादी का एक बड़ा हिस्सा गैर-प्राथमिक गतिविधियों में शामिल है। शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसके विपरीत सच है।
जापान और जर्मनी जैसे अत्यधिक औद्योगीकृत देशों में जनसंख्या में गिरावट का सामना करना पड़ता है क्योकि यहाँ बच्चों की जनसंख्या वृद्ध जनसंख्या से कम है। इन देशों में लिंगानुपात भी अनुकूल है। जनसंख्या का बहुत कम हिस्सा कृषि गतिविधियों में शामिल है।
जनसंख्या के आयु-लिंग पिरामिड के आधार पर देशों को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
- विस्तारित होती जनसँख्या
- स्थिर जनसंख्या
- घटती जनसंख्या
विस्तारित होती जनसँख्या :
विस्तारित होती जनसँख्या का पिरामिड त्रिकोणीय आकार का होता है क्योकि जन्म दर मृत्यु दर से अधिक होती है।
नाइजीरिया, ब्राजील, भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे विकासशील देश जनसांख्यिकीय संक्रमण के दूसरे चरण में हैं और इन देशों की जनसंख्या का विस्तार हो रहा है।
इन देशो में बच्चो की संख्या वृद्धों से ज्यादा होती हैं।
स्थिर जनसंख्या:
स्थिर जनसंख्या का पिरामिड घंटी के आकार का होता जिसका शीर्ष शुण्डाकार होता जाता है। जन्म दर लगभग मृत्यु दर के बराबर होती है।
कनाडा और फ्रांस जैसे विकसित देश जनसांख्यिकीय संक्रमण के तीसरे चरण की शुरुआत में हैं और जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि लगभग स्थिर है।
घटती जनसंख्या:
घटती जनसंख्या के जनसंख्या पिरामिड का एक संकीर्ण आधार और शीर्ष शुण्डाकार होता है। जन्म दर मृत्यु दर से कम होती है।
जापान और जर्मनी जैसे अत्यधिक औद्योगीकृत देश घटती जनसंख्या का सामना कर रहे हैं।
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