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भारत का अक्षांशीय फैलाव इसके लिए किस प्रकार लाभदायक है?

 प्रश्न। 

भारत का अक्षांशीय फैलाव इसके लिए किस प्रकार लाभदायक है?

(अध्याय -1 भारत - स्थिति , कक्षा 11 NCERT भूगोल "भारत भौतिक पर्यावरण")

उत्तर। 


जैसा कि हम जानते हैं,

भारत का अक्षांशीय फैलाव 6°45' उत्तर (बंगाल की खाड़ी में निकोबार द्वीप के दक्षिणी भाग) से 37°6' उत्तर (लद्दाख के सबसे उत्तरी भाग) तक फैला हुआ है।

कर्क रेखा (23.5 डिग्री उत्तर) भारत के लगभग मध्य से होकर गुजरती है।


भारत के विशाल अक्षांशीय प्रसार के निम्नलिखित लाभ हैं-

भारत का अक्षांशीय विस्तार सभी क्षेत्रों के लिए लाभप्रद है चाहे वह अर्थव्यवस्था हो, संस्कृति हो या पर्यावरण हो।

भारत का विशाल अक्षांशीय फैलाव देश में जलवायु, मिट्टी के प्रकार और प्राकृतिक वनस्पति [वर्षा वन, पर्णपाती वन, समशीतोष्ण वन, कांटेदार वन, मैंग्रोव वन, घास के मैदान] में बड़े बदलाव और विविधता के लिए जिम्मेदार है।

देश का दक्षिणी भाग (प्रायद्वीपीय भारत) उष्णकटिबंधीय जलवायु के अंतर्गत आते है और भारत का उत्तरी भाग उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र या गर्म समशीतोष्ण क्षेत्र के अंतर्गत आते है। जलवायु में विविधता पर्यटन आकर्षण प्रदान करती है।

भारत के बड़े अक्षांशीय फैलाव के परिणामस्वरूप जलवायु क्षेत्र में विविधता के साथ-साथ मिट्टी की किस्मों में भी विविधता आई जो अनेक प्रकार के फसलों की उत्पादन का समर्थन करती हैं।

भारत जैव विविधता के तीनों स्तरों पर जैव विविधता में समृद्ध है-आनुवंशिक विविधता, प्रजाति विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र विविधता।

भारत का अक्षांशीय फैलाव से संस्कृति, समाज, भाषा और त्योहारों में विविधता आयी है।

भारत के अक्षांशीय विस्तार के कारण भारत को एक उपमहाद्वीप के रूप में जाना जाता है।


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