प्रश्न।
आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?
( अध्याय - 5 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन , कक्षा X NCERT समकालीन भारत-2 )
उत्तर।
विभिन्न चट्टानों में खनिजों का निर्माण भिन्न होता है, खनिजों के निर्माण के पांच अलग-अलग तरीके हैं।
- आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण
- तलछटी चट्टानों में खनिजों का निर्माण [कोयला, लौह अयस्क]
- सतही चट्टानों के अपघटन से खनिजों का निर्माण [बॉक्साइट]
- प्लेसर निक्षेप [सोना और चांदी]
- समुद्र के पानी में [सोडियम, मैंगनीज]
आग्नेय एवं कायान्तरित शैलों में खनिजों के बनने के निम्नलिखित तरीके हैं-
आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में खनिज विदरों , दरारों, भ्रंशों और जोड़ों में पाए जाते हैं।
आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में अधिकांश खनिज तब बनते हैं जब तरल, पिघले और गैसीय रूपों में खनिजों को गुहाओं के माध्यम से पृथ्वी की सतह की ओर ऊपर की ओर धकेला जाता है। जैसे ही वे उठते हैं वे ठंडे और जम जाते हैं। यह आमतौर पर ज्वालामुखी उदगार या ऊर्ध्वाधर ढाब से बनते हैं।
आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में खनिजों की छोटी उपस्थिति को शिराएँ कहा जाता है और आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों में खनिजों की बड़ी उपस्थिति को लोड्स कहा जाता है।
टिन, कॉपर, गोल्ड, जिंक और लेड जैसे प्रमुख धात्विक खनिज वेन्स ( शिराएँ ) और लोड्स से प्राप्त होते हैं।
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