प्रश्न।
जैव-विविधता के विभिन्न स्तर क्या हैं?
(अध्याय 16 जैव विविधता एवं संरक्षण, कक्षा 11 NCERT भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत)
उत्तर।
जैव विविधता का अर्थ है किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में जीवों की संख्या और जीवों के विभिन्न प्रकार।
जैव विविधता के तीन स्तर हैं;
- आनुवंशिक विविधता
- प्रजातीय विविधता
- पारिस्थितिकी तंत्र विविधता
आनुवंशिक विविधता;
जीवन के निर्माण में जीन एक मूलभूत इकाई है। सामान भौतिक लक्षणों वाले जीवों को प्रजाति कहा जाता है। आनुवंशिक विविधता का अर्थ है किसी प्रजाति में जीन की विविधता। आनुवंशिक विविधता के कारण जीवों के एक प्रजाति होने के वावजूद भी उनकी भौतिक लक्षणों में अंतर देखने को मिलता है।
उदाहरण के लिए, मनुष्य होमोसेपियन्स प्रजाति से संबंधित है।सभी मनुष्यों के जीन एक सामान नहीं होते है , जीन में भिन्नता के कारण, वे ऊंचाई, रंग और शारीरिक विशेषताओं में विभिन्नता पायी जाती हैं। यह आनुवंशिक विविधता को दर्शाता है।
प्रजातीय विविधता;
प्रजाति विविधता का अर्थ है विशेष क्षेत्रों में रहने वाली प्रजातियों की अनेकरूपता।
प्रजातीय जैव विविधता उनकी समृद्धि, प्रकार , तथा बहुलता से आंकी जा सकती हैं।
कुछ भौगोलिक क्षेत्र अन्य की तुलना में प्रजातियों की विविधता में समृद्ध हैं, इसे विविधता के हॉटस्पॉट के रूप में जाना जाता है।
पारिस्थितिकी तंत्र विविधता;
पारिस्थितिक तंत्र की सीमाओं को परिसीमन करना बहुत कठिन और जटिल है। फिरभी, हम कह सकते है की कुछ क्षेत्र कई पारिस्थितिक तंत्रों जैसे जंगलों, घास के मैदानों, रेगिस्तानों, झीलों, नदियों आदि से समृद्ध हैं। इन क्षेत्र को पारिस्थितिकी तंत्र विविधता वाले क्षेत्र कहते हैं।
उदाहरण के लिए, पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता में समृद्ध हैं क्योंकि इसमें वन पारिस्थितिक तंत्र की विविधता (वर्षावन, पर्णपाती वन), घास के मैदानों पारिस्थितिक तंत्र की विविधता, झील पारिस्थितिकी तंत्र और नदी पारिस्थितिकी तंत्र हैं।
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