प्रश्न।
उष्ण कटिबंधीय तूफान की उत्पत्ति के लिए कौन-सी परिस्थितियाँ अनुकूल हैं ?
(अध्याय 7 प्राकृतिक संकट और आपदाएं , कक्षा 11 NCERT भूगोल "भारत भौतिक पर्यावरण")
उत्तर।
चक्रवात एक प्रकार की वायुमंडलीय आपदा है। चक्रवात दो प्रकार के होते हैं-समशीतोष्ण चक्रवात और उष्णकटिबंधीय चक्रवात।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात 5 ° से 30° उत्तर और 5 ° से 30° दक्षिण अक्षांशों के बीच उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्पन्न होते हैं। उष्णकटिबंधीय चक्रवात 5° उत्तर और 5° दक्षिण के बीच के अक्षांशों में उत्पन्न नहीं होता है क्योकि कोरिओलिस बल इस क्षेत्र में नगण्य होता हैं।
उष्ण कटिबंधीय तूफान की उत्पत्ति के बारे में काभी मतभेद है। हलाकि, उष्ण कटिबंधीय तूफान की उत्पत्ति के लिए निम्न लिखित परिस्थितियाँ अनुकूल हैं;
- गर्म महासागर।
- मजबूत कोरिओलिस बल।
- मजबूत ऊर्ध्वाधर वायु फान(wedge) की अनुपस्थिति।
- क्षोभमण्डल में अस्थिरिता।
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात को बड़ी मात्रा में गुप्त ऊष्मा की आवश्य्कता होती है। वाष्पीकरण से गुप्त ऊष्मा प्राप्त होता है। गर्म और नम हवा ही बड़ी मात्रा में गुप्त ऊष्मा प्रदान कर सकती है। इस प्रकार की स्थितियाँ केवल उष्ण कटिबंधीय महासागरों में ही उपलब्ध होती हैं। एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात केवल उष्णकटिबंधीय महासागर में बनता है और जब यह भूमि पर पहुंचते ही समाप्त हो जाता है क्योंकि से गुप्त ऊष्मा मिलना समाप्त हो जाता है।
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात के लिए मजबूत कोरिओलिस बल की आवश्यकता होती है। मजबूत कोरिओलिस बल होने से केंद्र में निम्न वायु दाब को भरने नहीं देता है और साथ ही वायु को परिपत्र गति करने में मदत करता है। चूकि, कोरिओलिस बल 5° उत्तर और 5° दक्षिण अक्षांशों के बीच में मजबूत नहीं होता है अतः इस क्षेत्र में उष्ण कटिबंधीय चक्रवात बनने की संभावनाएं कम होती हैं।
तेज ऊर्ध्वाधर हवाओं की अनुपस्थिति की आवश्यकता होती है जो गुप्त गर्मी के ऊर्ध्वाधर परिवहन से रोकता है।
क्षोभमण्डल में अस्थिरिता होनी चाहिए जिससे स्थानीय स्तर पर निम्न वायुदाब क्षेत्र बन जाते है और जिसके चारों ओर उष्णकटिबंधीय चक्रवात विकसित होता है।
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