प्रश्न।
वन संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
(अध्याय 5 प्राकृतिक वनस्पति , कक्षा 11 NCERT भूगोल "भारत भौतिक पर्यावरण")
उत्तर।
वन संरक्षण सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वनो के संरक्षण से पर्यावरण, समाज, और अर्थव्यवस्था तीनो का विकास संभव हैं। वन हमारी अर्थव्यवस्था और समाज को कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करते हैं। इसलिए, मानव जाति के अस्तित्व और समृद्धि के लिए वन संरक्षण महत्वपूर्ण है।
भारत सरकार ने एक राष्ट्रव्यापी वन संरक्षण नीति अपनाई है जो स्वंत्रता के 5 वर्ष बाद 1952 में आयी थी।। 1988 में 1952 की वन नीति में और संशोधन किया गया था।
1988 की नई वन नीति के अनुसार, सरकार स्थायी वन प्रबंधन पर जोर देती है। सरकार एक तरफ फॉरेस्ट रिजर्व का विस्तार करेगी और दूसरी तरफ स्थानीय लोगों की जरूरत को पूरा वनों के विस्तार से करेगी। इस नीति का लक्ष्य 33 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्रों को वनों के दायरे में लाना था।
वनों के संरक्षण के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए;
वनों को तीन भाग में बांटा -आरक्षित वन, संरक्षित वन और अवर्गीकृत वन।
रिजर्व वनों को वन विभागों द्वारा बायोस्फीयर रिजर्व, राष्ट्रीय, पार्कों और वन्यजीव अभयारण्यों के तहत संरक्षित किया जाता है।
संरक्षित वन वे वन हैं जिन्हें और अधिक क्षरण से रोकना है।
अवर्गीकृत वन, वे वन जो ना ही आरक्षित वन और ना ही संरक्षित वन के अंतर्गत आते हैं। ये वन विभिन्न समुदायों द्वारा प्रबंधन और संरक्षण के लिए खुले हैं।
सामाजिक वानिकी और कृषि वानिकी को वन संरक्षण के लिए बढ़ावा देना।
सामाजिक वानिकी का अर्थ है सतत विकास [समाज, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के विकास] में मदद करने के उद्देश्य से बंजर और खाली भूमि पर वनीकरण करना । सामाजिक वानिकी में शहरी वानिकी [अप्रयुक्त शहरी भूमि में वनीकरण], ग्रामीण वानिकी [अप्रयुक्त ग्रामीण भूमि में वनीकरण], और कृषि वानिकी [कृषि फसलों के साथ पेड़ लगाना] शामिल हैं।
फार्म वानिकी का अर्थ है किसानों द्वारा वाणिज्यिक और गैर-व्यावसायिक दोनों उद्देश्यों के लिए पेड़ उगाना।
उपरोक्त कदम वन संरक्षण के लिए उठाए गए हैं।
You may like also:
1 Comments:
Click here for CommentsImprove best larning article
ConversionConversion EmoticonEmoticon