प्रश्न।
मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी दो मुख्य जलवायु कारक कौन से हैं?
( अध्याय - 2 भूमि-मृदा-जल-प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन , कक्षा 8 NCERT संसाधन एवं विकास (भूगोल) )
उत्तर।
पृथ्वी की सतह पर दानेदार कणो के आवरण को मृदा कहते हैं। मृदा निर्माण अपक्षय प्रक्रिया द्वारा होता है। मृदा एक बहुत ही मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन है, क्योकि इस पर कृषि और संबद्ध गतिविधियों तथा वन जैसे अन्य प्राकृतिक संसाधन सीधे मृदा पर निर्भर हैं। मृदा का मात्र एक सेंटीमीटर परत बनने में सैकड़ों वर्ष लग जाते हैं।
मृदा का निर्माण मूल चट्टान की प्रकृति और जलवायु कारकों पर निर्भर करता है। जलवायु कारकों में, तापमान और वर्षा मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी दो मुख्य जलवायु कारक हैं।
मृदा के निर्माण में तापमान और वर्षा की भूमिका:
तापमान और वर्षा (वर्षा) अपक्षय और ह्यूमस निर्माण को प्रभावित करते हैं।
भारी वर्षा और उच्च तापमान अपक्षय [रासायनिक अपक्षय] प्रक्रिया और मिट्टी के निर्माण की प्रक्रिया को बढ़ाते हैं, यही कारण है कि भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में अपक्षयित मिट्टी की गहराई अधिक होती है।
तापमान भिन्नता के कारण चट्टान का विस्तार (गर्म होने पर) और सिकुड़न (ठंडा होने पर) होता है, यह प्रक्रिया चट्टान को कमजोर बनाती है और समय के साथ टूट जाती है।
जब बारिश का पानी चट्टान की दरार तक पहुँचता है, तो बर्फ बनने पर यह शैल को फैलाता है और इससे चट्टानें टूट जाती हैं और मृदा का निर्माण होता हैं।
जब बारिश का पानी फटी हुई चट्टान तक पहुंचता है, तो यह उनमे उपस्थित खनिजों के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करता है और इससे चट्टानें घुल जाती हैं।
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