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सततपोषणीय विकास के कुछ सिद्धांत क्या हैं?

प्रश्न।

सततपोषणीय विकास के कुछ सिद्धांत क्या हैं?

( अध्याय - 1 संसाधन  , कक्षा  8 NCERT संसाधन एवं विकास (भूगोल) )

उत्तर।

सततपोषणीय विकास में, हम न केवल लोगों या समाज के लिए बल्कि पर्यावरण और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के लिए भी विकास करते हैं।


सततपोषणीय विकास के कुछ सिद्धांत निम्नलिखित हैं:


हमें जीवन के सभी रूपों का सम्मान और देखभाल करनी चाहिए, और हमें अनावश्यक रूप से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। साथ ही जरुरत से ज्यादा चीजों को खपत नहीं करना चाहिए। यदि आर्थिक विकास के लिए खनन आवश्यक है तो खनन के नुकसान को संतुलित करने के लिए पुनर्वनीकरण और वनरोपण समानांतर रूप से किया जाना चाहिए।


हमें आसपास के पर्यावरण को सुधारने और प्रदूषण मुक्त बनाने के साथ-साथ मानव जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना चाहिए। स्वस्थ मानव ही पर्यावरण को स्वच्छ रख सकता है और स्वच्छ पर्यावरण मानव को स्वस्थ रख सकता हैं। 


हमें पृथ्वी की विविधता का संरक्षण करना चाहिए क्योंकि पारिस्थितिकी तंत्र के अस्तित्व के लिए प्रत्येक जीवन बहुत आवश्यक है।


हमें उपभोग दर को कम करके, पुनर्चक्रण करके और उनका पुन: उपयोग करके प्राकृतिक संसाधनों जैसे वन, जल और खनिज संसाधनों की कमी को कम करना चाहिए।


हमें पर्यावरण के प्रति व्यक्तिगत दृष्टिकोण और आदत बदलना चाहिए। समाज को जागरूक किया जाना चाहिए कि यह हमारे प्रत्येक और यहां तक कि गैर-सततपोषणीय काम से पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुंचाता है। उदाहरण के लिए, हमें मांस के बजाए ताजी सब्जियां खाना चाहिए और ऑनलाइन शॉपिंग के बजाए हमें चीजों को नजदीकी बाजार से चीजें खरीदना चाहिए। नॉन-वेज खाने और ऑनलाइन शॉपिंग से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है।  पशुपालन से ग्रीन हाउस गैस उत्पन होता है और ऑनलाइन शॉपिंग करने से पैकिंग में कागज व् प्लास्टिक लगते है साथ ही ऊर्जा का ज्यादा खपत होता है आपके घर तक पहुंचाने के लिए। 


हमें समुदायों को अपने स्वयं के पर्यावरण की देखभाल करने में सक्षम बनाना चाहिए।


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