पाषाण युग और प्रागैतिहासिक काल पर लघु नोट्स:
रॉबर्ट ब्रूस फूटे को भारत के प्रागितिहास का जनक कहा जाता है।
प्रागैतिहासिक काल मानव का प्रारम्भिक विकास है। इसे आमतौर पर पुराने पाषाण युग या पुरापाषाण युग के रूप में जाना जाता है। प्रागैतिहासिक काल में कोई कागज या भाषा या लिखित दस्तावेज नहीं था।
प्रागैतिहासिक काल को निम्नलिखित उपश्रेणी में वर्गीकृत किया गया है;
- पुरापाषाण काल (पुराना पाषाण युग): मनुष्य के आरंभ से 12,000 BP तक (वर्तमान से पहले)
- मेसोलिथिक अवधि (मध्य पाषाण युग): 12,000 BP - 10,000 BP
- नवपाषाण काल (नया पाषाण युग): 10,000 BP - 8,000 BP
- ताम्रपाषाण काल (पाषाण ताम्र युग): 8,000 BP से 2700 BP (700 ईसा पूर्व तक)
आग में नवाचार निचले पुरापाषाण काल में हुआ।
पुरापाषाण, मध्यपाषाण और नवपाषाण काल पाषाण युग का हिस्सा हैं।
मेसोलिथिक काल (12000 वर्ष पूर्व) की शुरुआत में, पर्यावरण में परिवर्तन हुए, जिसने बढ़ते वायुमंडलीय तापमान के कारण चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र (घास, हिरण, बकरी, गाय, आदि) को जन्म दिया।
शुतुरमुर्ग भारत में पुरापाषाण काल में पाए जाते थे।
पुरापाषाण स्थल:
भारत के महत्वपूर्ण पुरापाषाण स्थल में भीमबेटका, हुंस्गी और कुरनूल गुफा शामिल हैं। भीमबेटका गुफा मध्य प्रदेश में स्थित है और यह रॉक पेंटिंग (मानव, पशु और ज्यामितीय पैटर्न) के लिए प्रसिद्ध है।
भीमबेटका गुफा की खोज डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने 1957 में की थी।
हुंस्गी स्थलों से बड़ी संख्या में औजार मिले हैं।
उत्तर प्रदेश में, पुरापाषाण स्थलों में बेलन घाटी (प्रयागराज), सिंगरौली (सोनभद्र) और चकिया (चंदौली) शामिल हैं।
मेसोलिथिक स्थल:
भारत के महत्वपूर्ण मध्यपाषाण स्थलों में बागोर (राजस्थान), कैमूर (मिर्जापुर, यूपी), ब्रह्मगिरी (कर्नाटक), आदमगढ़ हिल्स (मध्य प्रदेश), और आदिचनल्लूर (तमिलनाडु) शामिल हैं। बागोर और आदमगढ़ की पहाड़ियों में पशुपालन के साक्ष्य मिलते हैं।
नवपाषाण स्थल:
भारत के नवपाषाण स्थलों में मेहरगढ़ (पाकिस्तान), बुर्जहोम (जम्मू और कश्मीर), चिरांड (बिहार), बेलन घाटी (उत्तर प्रदेश), हलूर (कर्नाटक) आदि शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में बेलन घाटी पाषाण युग [तीनों-पुरापाषाण, मध्यपाषाण और नवपाषाण काल] के लिए प्रसिद्ध है।
कोल्डीहवा और महोगोरा दो नवपाषाण स्थल हैं जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पाए जाते हैं। भारत में वृत्ताकार झोपड़ियों के प्रमाण तथा प्राचीनतम चावल के प्रमाण मिलते हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें:
1. निम्नलिखित में से कौन सा काल पाषाण युग का हिस्सा नहीं है?
क) पुरापाषाण काल
ख ) ताम्रपाषाण काल
ग ) मेसोलिथिक काल
घ ) नवपाषाण काल
उत्तर। ख ) ताम्रपाषाण काल पाषाण-ताम्र युग का हिस्सा है; 3000 ईसा पूर्व -500 ईसा पूर्व
2. उत्तर प्रदेश में बेलन घाटी किसके लिए प्रसिद्ध है?
क) पुरापाषाण स्थल
ख ) मेसोलिथिक साइट
ग) नवपाषाण स्थल
घ ) उपरोक्त सभी
उत्तर। घ ) उपरोक्त सभी
3. मिर्जापुर उत्तर प्रदेश का कैमूर क्षेत्र किसके लिए प्रसिद्ध है?
क) पुरापाषाण स्थल
ख ) ताम्रपाषाण स्थल
ग ) मेसोलिथिक स्थल
घ ) नवपाषाण स्थल
उत्तर। c) मेसोलिथिक स्थल
4. आग का आविष्कार--- में हुआ था।
क) उच्च पुरापाषाण काल
ख ) निम्न पुरापाषाण काल
ग ) मेसोलिथिक काल
घ ) नवपाषाण काल
उत्तर। ख ) निम्न पुरापाषाण काल
5. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के निकट कोल्डीहवा और महागरा किसके लिए प्रसिद्ध हैं?
क) पुरापाषाण स्थल
ख ) ताम्रपाषाण स्थल
ग ) मेसोलिथिक साइट
घ ) नवपाषाण स्थल
उत्तर। घ ) नवपाषाण स्थल
6. कौन सा नवपाषाण स्थल वृत्ताकार झोपड़ियों और विश्व में चावल का सबसे पुराना साक्ष्य प्रदान करता है?
क ) कोल्डीहवा और महागरा (उत्तर प्रदेश)
ख ) मेहरगढ़ (पाकिस्तान)
ग ) बुर्जहोम (कश्मीर)
घ ) बेलन घाटी (उत्तर प्रदेश)
उत्तर। क ) कोल्डीहवा और महागरा (उत्तर प्रदेश)
7. उत्तर प्रदेश में पुरापाषाणकालीन सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं---
क ) बेलन घाटी
ख ) सिंगरौली घाटी
ग ) चंदौली की चकिया
घ । उपरोक्त सभी
उत्तर। घ । उपरोक्त सभी
8. निम्नलिखित में से किसे भारतीय प्रागैतिहास का जनक कहा जाता है?
क ) हावर्ड कार्टर
ख ) जॉन इवांस
ग ) इरविंग फिंकेल
घ ) रॉबर्ट ब्रूस फूटे
उत्तर। घ ) रॉबर्ट ब्रूस फूटे
9. निम्नलिखित साइटों में से कौन सा मेसोलिथिक काल में जानवरों के पालतू बनाने का प्रमाण प्रदान करता है? (UPPSC 2018)
क) उडाई ( odai)
ख) बोरी
ग) बगर
घ ) लखानिया
उत्तर। ग) बगर (राजस्थान में) और आदमगढ़ (मध्य प्रदेश में) दो साइटें हैं जहां मेसोलिथिक काल में जानवरों के पालतूकरण के सबूत हैं।
10. निम्नलिखित में से किस भारतीय पुरातत्वविदों ने पहली बार "भीमबेटका गुफाओं" का दौरा किया और अपने रॉक पेंटिंग के प्रागैतिहासिक महत्व की खोज की? (UPPSC 2020)
क) माधो स्वारूप वत्स
ख) एच डी शंकलिया
ग) वी यस वाकणकर (V.S Wakankar )
घ) वी येन मिश्रा
उत्तर। ग) वी यस वाकणकर (V.S Wakankar )
V.S Wakankar की खोज 1958 में की गई थी। भीबेटका एक पैलियोलिथिक साइट (2.5 मिलियन से 10000 ईसा पूर्व) और एक विश्व विरासत स्थल भी है।
भीमबेटका गुफाओं का स्थान: रायसेन, मध्य प्रदेश
11. भीमबेटका की खोज किसके द्वारा की गई थी। (एमपीपीएससी-2020)
क) डॉ. एच.डी. सांखलिया
ख) डॉ श्याम सुंदर निगम
ग) डॉ. विष्णुधर वाकणकर
घ) डॉ. राजबली पांडे
उत्तर। ग) डॉ. विष्णुधर वाकणकर
भीमबेटका गुफा की खोज 1957 में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने की थी। यह गुफा 2003 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है।
12. विंध्य के किस रॉक शेल्टर से, मानव कंकालों की अधिकतम संख्या पाई गई है? (UPPSC 2016)
क) मोरहाना पहर
ख) घाघेरिया
ग) बघाही खोर
घ) लेखाहिया
उत्तर। ख) विंध्यस पर्वत श्रृंखला (मध्य भारत) के घाघेरिया रॉक शेल्टर, मानव कंकालों की अधिकतम संख्या पाई गई है।
13. निम्नलिखित में से किस भारतीय पुरातत्वविदों ने पहली बार "भीमबेटका गुफाओं" का दौरा किया और अपने रॉक पेंटिंग के प्रागैतिहासिक महत्व की खोज की? (UPPSC 2020)
क) माधो स्वारूप वत्स
ख) एच डी सांकलिया
ग) वी एस वकंकर
घ) वी एन एमिश्रा
उत्तर। ग) वी। एस। वकंकर
भीमबेटका गुफाओं की खोज 1958 में V.S Wakankar द्वारा की गई थी। भीबेटका एक पैलियोलिथिक साइट (2.5 मिलियन से 10000 ईसा पूर्व) और एक विश्व विरासत स्थल भी है।
भीमबेटका गुफाओं का स्थान रायसेन, मध्य प्रदेश है।
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