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लोक सेवा के संदर्भ में "लोक जीवन में सत्य निष्ठा" के प्रासंगिकता | UPPSC ethics paper 2021 solutions | नीति अखंडता एवं अभिक्षमता UPSC नोट्स

प्रश्न। 

लोक सेवा के संदर्भ में " लोक जीवन में सत्य निष्ठा" के प्रासंगिकता का निरूपण कीजिए

(UPPSC GS paper 4 2021)

उत्तर। 

लोक जीवन में सत्यनिष्ठा का मतलब है सिविल सेवकों द्वारा सद्गुणों [उच्च नैतिक और नैतिक मानकों] के पालन करते हुए सार्वजनिक कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के सभी पहलुओं का पालन करना है।

सिविल सेवक देश में शासन और प्रशासनिक कार्यों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके कार्यों का नागरिकों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है क्योंकि वे सत्ता और जिम्मेदारी के पदों पर आसीन होते हैं। इसलिए, सार्वजनिक जीवन में लोक सेवकों से अपेक्षा की जाती है कि वे ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कार्य करें। इसलिए सिविल सेवको का लोक जीवन में सत्यनिष्ठा होना बहुत जरुरी है। 

सिविल सेवाओं के संदर्भ में "लोक जीवन में सत्यनिष्ठा" की प्रासंगिकता निम्नलिखित है:

सिविल सेवकों के लोक जीवन में में सत्यनिष्ठा से सार्वजनिक संसाधनों के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करती है।

सिविल सेवकों के लोक जीवन में में सत्यनिष्ठा से भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग को रोकने में मदद करती है।

सिविल सेवकों के लोक जीवन में में सत्यनिष्ठा से सरकारी संस्थानों और सरकारी अधिकारियों में जनता के विश्वास को बनाए रखती है।

सिविल सेवकों के लोक जीवन में में सत्यनिष्ठा से सिविल सेवकों को किसी भी सरकार के साथ स्थायी रूप से काम करने और लंबे समय तक चलने में मदद करती है।

इसलिए, सिविल सेवकों के लोक जीवन में में सत्यनिष्ठा से कार्य को प्रभावी ढंग से करने और समाज की भलाई और सार्वजनिक हित के लिए सार्वजनिक संसाधनों के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।


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