प्रश्न।
लोक सेवकों के अंदर सहनशीलता तथा करुणा को कैसे पोषित किया जा सकता हैं? अपना सुझाव दीजिए।
(UPPSC GS paper 4 2021)
उत्तर।
नैतिक प्रशासन के लिए और एक न्यायपूर्ण और निष्पक्ष समाज बनाने के लिए लोक सेवकों के अंदर सहनशीलता (सहिष्णुता) और करुणा दो आवश्यक मूल्य हैं।
लोक सेवकों में सहनशीलता (सहिष्णुता) और करुणा पोषित करने के कई तरीके हैं, जिसमे से कुछ तरीके निम्नलिखित हैं:
प्रशिक्षण और शिक्षा: भारत की समाज और संस्कृति की विविधता की समझ के लिए लोक सेवको को प्रशिक्षण और शिक्षा की आवश्यकता होती है। संस्कृति और सामाजिक कार्यों के अलग अलग दृष्टिकोण को जानने से लोक सेवकों के अंदर सहनशीलता तथा करुणा पोषित हो सकती हैं।
संवाद और प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करें: सामाजिक कार्यकर्ताओं, कर्मचारियों, धार्मिक लोगों और समाज के कमजोर वर्गों जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ लोक सेवकों के बीच खुले संवाद को प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे लोक सेवको को समाज के बहुत सारे चिंताओं और जरूरतों का पता चलता है जो सहनशीलता (सहिष्णुता) और करुणा को लोक सेवको में पोषित करता हैं।
सम्मानित करना: अपने काम में सहनशीलता और करुणा के मूल्यों का उपयोग करने वाले लोक सेवकों को पहचानना और पुरस्कृत करना। इससे दूसरों को भी सहनशीलता और करुणा को अपने कार्यो में शामिल करने के लिए प्रेरित करेगा।
उपरोक्त तरीके से लोक सेवकों में सहनशीलता और करुणा को पोषित किया जा सकता है। इससे समावेशी, सहायक और सुखद कार्य वातावरण और शासन प्रणाली बनाने में मदद करते हैं।
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