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पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस कर्मी के नैतिक आचरण पर टिप्पणी | UPPSC ethics paper 2021 solutions | नीति अखंडता एवं अभिक्षमता UPSC नोट्स

 प्रश्न। 

दुग्ध व्यवसायियों के संगठन द्वारा एक एक शांतिपूर्ण धरना दिया जा रहा था । पुलिस अधीक्षक पुलिस कर्मियों को निर्देशित करते हैं कि संगठन को किसी प्रकार की हिंसा न करने दे । पुनः वे कहते हैं कि यदि आवश्यकता हो तो उन्हें "पाठ पढ़ा दे" । एक तैनात पुलिस कर्मी धरना देने वाले एक व्यक्ति से बहस करता है और पिटाई कर देता है कारण पूछे जाने पर बताता है कि पुलिस अधीक्षक ने पाठ पढ़ाने के लिए कहा था । उपरोक्त प्रकरण के परिपेक्ष्य में पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस कर्मी के नैतिक आचरण पर टिप्पणी लिखिए।

(UPPSC GS paper 4 2021)

उत्तर। 


भारत में, पुलिस अधीक्षक (SP) जिला स्तर पर सर्वोच्च पुलिस अधिकारी होता है और जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है और वे अपने जिले में पुलिस बल के समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होते हैं।


सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों (अधिकारियों) को आवश्यक निर्देश देना पुलिस अधीक्षक का नैतिक और कानूनी कर्तव्य है। हालाँकि, उनका निर्देश "यदि आवश्यकता हो तो उन्हें "पाठ पढ़ा दे"" यह अत्यधिक आक्रामक और अनैतिक है। क्योकि इस  निर्देश की व्याख्या अस्पष्ट और क्रूर है और हिंसा भड़क सकती है साथ ही शांतिपूर्ण धरना करते दुग्ध व्यवसायियों का जान को खतरा हो सकता था। 


पुलिस अधीक्षक द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना पुलिस कर्मी का कानूनी कर्तव्य है। हालाँकि, प्रदर्शनकारियों के साथ बहस करना और पिटाई करना अत्यधिक अनैतिक और अवैध है क्योंकि प्रत्येक नागरिक की रक्षा करना पुलिस कर्मी कर्तव्य होता है। सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शारीरिक हिंसा में शामिल होना अंतिम उपाय है, हालांकि, ऐसी आवश्यकता यहाँ पर देखने को नहीं मिलती है।


अत: उपरोक्त घटना के आलोक में पुलिस अधीक्षक और पुलिस कर्मी दोनों ही का आचरण अनैतिक हैं। दुर्व्यवहार और हिंसा के लिए दोनों को जवाबदेह होना पड़ेगा,  भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए जरुरी कदम उठाए जाने चाहिए।



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