Search Post on this Blog

क्या आप सोचते हैं कि देवानंद ने भयंकर गलती की या वे अपने नैतिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं | UPPSC General Studies 4 Mains ETHICS Solutions 2020

    प्रश्न ।

देवानंद पेंशन विभाग में अनुसचिव के रूप में कार्य करते है। एक दिन उसने मित्र गुरुदत्त जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में एक पि.यो है, निम्न घटना का जिक्र करते हैं: 

1) पिछले दो वर्षों से सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी श्री अशोक कुमार अपनी मासिक पेंशन का 30% श्रीमती बिंदु चोपड़ा के चेक के माध्यम से हर महीने भुगतान कर रहे हैं

2 ) मैंने पाया कि श्रीमती चोपड़ा पेंशन कार्यालय में आपके अधीन कार्य कर रहे हैं अनुभाग अधिकारी श्री प्रेम चोपड़ा की पत्नी है। 

3) मुझे इसमें संशय लग रहा है कि हो सकता है, यह घूस संबंधी घोटाला हो, जिनमें एक वरिष्ठ नागरिक को प्रेम चोपड़ा से पेंशन संबंधित फाइल का निपटारा करने के लिए घूस लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है और पत्नी के खाते में घुस जमा करने को विवश किया जा रहा हो। 

वह देवानंद श्री अशोक कुमार के घर जाते हैं और पाते हैं कि वह अल्जाइमर के रोग से ग्रस्त है और सुसंगत उत्तर देने में अक्षम हैं। निराश देवानंद सीधे प्रेम चोपड़ा से ही पूछताछ करने लगते हैं। प्रेम चोपड़ा बताते हैं कि, "श्री अशोक कुमार उसके पिता के मित्र हैं उनकी ना तो कोई संतान है और ना ही रिश्तेदार, मेरी पत्नी बिंदु लंबे समय से उनकी देखभाल पुत्री की तरह कर रही है। इसलिए श्री अशोक कुमार की शुभेच्छा में हमें धन प्रदान कर रहे हैं, जिससे कि हम अपने पुत्र को कोटा(राजस्थान) में आई.आई.टी की महँगी कोचिंग करा रहे हैं। यह व्यक्तित्व परिवारिक मामला है इसमें आपका (देवानंद) कोई लेना-देना नहीं है। 

क्या आप सोचते हैं कि देवानंद ने भयंकर गलती की या वे अपने नैतिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं ? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।   (UPPSC 2020)

उत्तर।

दी गई स्थिति में, देवानंद पेंशन विभाग में एक अनुसचिव के रूप में कार्यरत हैं, इसलिए यह उनका नैतिक कर्तव्य है कि पेंशन के संबंध में उनके संज्ञान में आने वाले किसी भी संभावित भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी के मामलों की जांच करें।


इस विशेष मामले में निम्नलिखित कारणों से रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार की सम्भावना है-

एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी श्री अशोक कुमार हर महीने अपनी पेंशन (30%) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा श्रीमती बिंदु चोपड़ा को दे रहे हैं, जो पेंशन कार्यालय में अनुभाग अधिकारी श्री प्रेम चोपड़ा की पत्नी हैं।

इस बात की प्रबल संभावना है कि यह रिश्वत का घोटाला हो सकता है, जहां एक वरिष्ठ नागरिक को अपनी पेंशन फाइलों को पास करने के लिए पैसे देने के लिए मजबूर किया जाता है।

प्रेम चोपड़ा द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण सही प्रतीत नहीं होता है क्योंकि श्री प्रेम चोपड़ा गरीब व्यक्ति नहीं हैं, वे अपने बेटे को आईआईटी कोचिंग के लिए खर्च कर सकते हैं।


इसलिए देवानंद ने भयंकर गलती नहीं की है बल्कि भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी के संभावित मामले की जांच कर अपना नैतिक कर्तव्य निभा रहे हैं। देवानंद को तथ्यों की पुष्टि के लिए गहन जांच करनी चाहिए। यह विशेष रूप से श्री अशोक कुमार जैसे वरिष्ठ नागरिकों की जो कमजोर वर्ग से आते हैं, के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें गाढ़ी कमाई से रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जा सकता है।


You may like also:

Previous
Next Post »