प्रश्न ।
लोकहित एवं सूचना के अधिकार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (UPPSC 2019)
उत्तर।
‘लोक हित’ किसी विशेष समूह या व्यक्तियों के संकीर्ण हितों के बजाय समग्र रूप से सामान्य कल्याण को संदर्भित करता है। लोक हित को अक्सर सरकारी नीतियों और निर्णयों में शामिल किया जाता है, क्योंकि यह जनता की भलाई पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। उदाहरण के लिए, सामुदायिक तालाब, सड़कों और राजमार्गों का निर्माण सार्वजनिक हित के उदाहरण हैं। लोक सेवकों के पास सार्वजनिक हित के सर्वोत्तम हित में काम करने की नैतिक जिम्मेदारी है।
सूचना का अधिकार 2005 में भारतीय संसद द्वारा लागू किया गया था, जो लोक सेवकों या सार्वजनिक संस्थानों के कार्य और कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाता है और जनता को उसके कार्यप्रणाली के जानकारी जानने का कानूनी अधिकार देता है। सूचना का अधिकार सार्वजनिक अधिकारियों को निर्देशित करती है कि वह अपने कार्यप्रणाली को ज्यादा पारदर्शी बनाए और सार्वजनिक डोमेन पर बहुत सारे जानकारियां को रखे। सूचना का अधिकार नागरिक को सिविल सेवकों के प्रति खुद को जवाबदेह बनाने के लिए सशक्त बनाता है। यह पारदर्शिता, जवाबदेही और लोगों को शासन में भागीदारी सुनिश्चित करता है, जो सुशासन के लिए प्रमुख तत्व हैं। सूचना का अधिकार किसी देश के लिए अच्छे और नैतिक शासन के लिए महत्वपूर्ण है।
सूचना का अधिकार और लोक हित की अवधारणा से निकटता से जुड़ा हुआ है, क्योंकि यह आम नागरिक को जनता के अच्छे से प्रासंगिक जानकारी तक पहुंचने का अधिकार देता है। सूचना का अधिकार अधिक से अधिक पारदर्शिता, लोगों की भागीदारी और जवाबदेही को सुनिश्चित करने में मदद करता है जो यह मदद करता है कि सरकारी निर्णय निजी हित के बजाय जनता के सर्वोत्तम हितों में किए जाए।
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