प्रश्न ।
"प्रशासन एक नैतिक कार्य है और प्रशासक एक नैतिक अधिकर्ता है। " इस कथन को स्पष्ट कीजिए। (UPPSC 2022)
उत्तर।
प्रशासन किसी संगठन या समुदाय को प्रबंधित करने और संचालित करने का कार्य है। प्रशासन में केवल नियमों और प्रक्रियाओं को निष्पादित नहीं होता है बल्कि प्रशासन में नैतिक मूल्य को पालन करते हुए निर्देश देना , आज्ञा देना , मार्गदर्शन देना शामिल हैं।
वास्तव में प्रशासन एक नैतिक कार्य है और प्रशासक एक नैतिक अधिकर्ता( एजेंट) है इस कथन को इस प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है -
यह कथन मानव संसाधन प्रबंधन के अधिकांश संदर्भों में सही है। जो समाज के लिए सही होता है वही नैतिक कार्य माना जाता है। प्रशासन एक नैतिक कार्य है क्योंकि यह समाज के लिए जरूरी होता है और समाज की दृष्टि से उचित होना चाहिए। एक स्वस्थ समाज और संस्थापन के लिए, प्रशासन को नैतिक मूल्यों और नियमों का पालन करना चाहिए। अनैतिक मूल्य पर चलने वाला शासन ज्यादा दिन तक नहीं टिकता है, इतिहास गवाह है रावण, कंस , या मुग़ल की सत्ता ( औरंगजेब के अनैतिक प्रशासन) ज्यादा दिन नहीं चली थी।
प्रशासक के पास संगठन या सामुदायिक को नैतिक रास्तो पर ले जाने की जिम्मेदारी होती है, वह समाज के लिए निर्णय लेता है , और समाज के अनुरूप कार्य करता है , अतः प्रशासक एक नैतिक अधिकर्ता( एजेंट) होता है। प्रशासक को नैतिक मूल्यों का पालन करना चाहिए जैसे कि परोपकारिता , करुणा, समानता, न्याय, ईमानदारी और समाज की भलाई। इसलिए, प्रशासकों को नैतिक मानदंडों के लिए उन्हें अधिकार और जिम्मेदारियां दोनों दिए जाते हैं।
अतः "प्रशासन एक नैतिक कार्य है और प्रशासक एक नैतिक अधिकर्ता है जो समाज के कल्याण के लिए नैतिक मूल्य का पालन करते हुए काम करता है।
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