प्रश्न ।
सामाजिक प्रभाव से आप क्या समझते हैं? सामाजिक प्रभाव और अनुनय कैसे व्यवहार में परिवर्तन ला सकते हैं?(UPPSC 2022)
उत्तर।
सामाजिक प्रभाव का अर्थ होता है एक व्यक्ति या समूह द्वारा दूसरे व्यक्तियों या समूहों पर कैसे प्रभाव डालता है। समाजिक प्रभाव ना केवल एक व्यक्ति के व्यवहार और भावनाओं पर प्रभाव डालता है, अपितु समाज के विभिन्न क्षेत्रों पर भी इसका प्रभाव होता है, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, धर्म, कला, वाणिज्य आदि।
सामाजिक प्रभाव से व्यक्तियों के नैतिक निर्णय, दृष्टिकोण, व्यवहार और कार्य प्रभावित होते हैं। सामाजिक प्रभाव अनुरूपता, अनुपालन, आज्ञाकारिता और अनुनय माध्यम से व्यक्तियों के व्यवहार में परिवर्तन ला सकते हैं।
निम्नलिखित तरीके सामाजिक प्रभाव और अनुनय व्यवहार में परिवर्तन लाते हैं-
अनुरूपता; जब समाज में सफल कोई व्यक्ति या समूह होता है तो अन्य व्यक्ति या समूह उसके अनुरूप बनने के कोशिश करता है और स्वयं के व्यवहार को बदलता हैं।
आज्ञाकारिता; आज्ञाकारिता व्यवहार को बदलने का एक तरीका है जिसमें व्यक्ति बड़ों या अधिकार की आज्ञाओं का पालन करते हैं।
अनुपालन; अनुपालन व्यवहार परिवर्तन का तरीका है जिसमें व्यक्ति सामाज के परम्पराओ को पालन करके सामाजिक अस्वीकृति से बचता है और अपने व्यहवार को बदलता है।
अनुनय; अनुनय सामाजिक प्रभाव का एक रूप है जिसका अर्थ है लोगों को विशेष दृष्टिकोण, विश्वास या व्यवहार को अपनाने के लिए आश्वस्त करना। अनुनय कई मायनों में किया जा सकता है जैसे सामाजिक प्रमाण, विज्ञापन, प्रचार या पारस्परिक संचार प्रस्तुत करके। अनुनय से व्यक्ति को प्रोत्साहित करके मौजूदा व्यवहारों को बदलने के लिए एक प्रभावी उपकरण है।
अंत में, सामाजिक प्रभाव का मूल उद्देश्य अधिकतर समाज के लोगों के बीच सहज रूप से एक मानसिक, सामाजिक या सांस्कृतिक बदलाव को फैलाना होता है जो अंततः समाज के विकास और सुधार में मदद करता है। हम कह सकते हैं कि सामाजिक प्रभाव और अनुनय व्यवहार परिवर्तन लाने के लिए प्रभावी उपकरण हैं, लेकिन व्यवहार परिवर्तनों के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए इनको जिम्मेदारी से और नैतिक रूप से उपयोग करना महत्वपूर्ण होता है।
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