प्रश्न ।
सहिष्णुता और करुणा में विभेद कीजिए। (UPPSC 2022)
उत्तर।
सहिष्णुता और करुणा दो महत्वपूर्ण मूल्य हैं और दोनों दुसरो के प्रति सवेंदनशीलता के स्थिति को बताती है। लोक सेवकों के लिए जनता के सर्वोत्तम हित में कार्य करने के लिए दोनों का होना आवश्यक हैं। लेकिन सहिष्णुता और करुणा के बीच कुछ अंतर भी है जो निम्नलिखित हैं-
सहिष्णुता दूसरों के विचारों, विश्वासों और प्रथाओं को स्वीकार करने की क्षमता को संदर्भित करती है, भले ही वे स्वयं से भिन्न हों, जबकि करुणा दूसरों के साथ सहानुभूति रखने और उनके दर्द या पीड़ा को महसूस करने और इसे कम करने के लिए कार्रवाई करने के प्रेरणा को संदर्भित करती है।
सहिष्णुता सिविल सेवकों को बिना किसी पूर्वाग्रह के विविध पृष्ठभूमि, संस्कृतियों और विश्वासों के लोगों के साथ काम करने में मदद करती है जबकि करुणा सिविल सेवकों को न केवल दूसरों की कठिनाइयों को पहचानने में मदद करती है बल्कि सक्रिय रूप से उन कठिनाओं से उबरने में उनकी मदद करती है।
एक सिविल सेवक जो सहिष्णु है लेकिन करुणा का अभाव है वह विविधा को सम्मान करेगा लेकिन उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रेरणा की कमी होगी।
एक सिविल सेवक जिसमें सहिष्णुता की कमी होगी लेकिन वह करुणामय होगा तो वह दूसरों को पीड़ा को दूर करने को उत्सुक होगा लेकिन उसे लोगो के साथ सामंजस्य बनाने में कठिनाइयाँ होगी।
अंत में, हम कह सकते हैं कि सहिष्णुता और करुणा दो अलग-अलग मूल्य हैं लेकिन दोनों परस्पर संबंधित हैं, दोनों सिविल सेवकों को विश्वास बनाने और जनता की समस्या को कम करने में मदद करते हैं।
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