आंग्ल-सिख युद्ध (1845-1849):
एंग्लो-सिख युद्ध 19वीं सदी के मध्य में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और सिख साम्राज्य के बीच लड़े गए दो संघर्षों की एक श्रृंखला थी। शेर-ए-पंजाब या "पंजाब का शेर" के नाम से मशहूर रणजीत सिंह की 1839 में लाहौर में मृत्यु हो गई।
प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध:
प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं:
वर्ष: 1845-1846
भारत के गवर्नर जनरल: लॉर्ड हार्डिंग
संबद्ध व्यक्ति: तेज सिंह, राजा लाल सिंह, और सर ह्यू गफ़।
परिणाम: सिखों को मुदकी, फ़िरोज़शाह, बुद्देलवाल, अलीवाल और सोबरोन में हार का सामना करना पड़ा। जम्मू और कश्मीर को एक अलग रियासत के रूप में सौंप दिया गया।
संधि: लाहौर की संधि (1846)
दूसरा आंग्ल-सिख युद्ध:
द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं:
वर्ष: 1848-1849
भारत के गवर्नर जनरल: लॉर्ड डलहौजी
संबद्ध व्यक्ति: शेर सिंह अटारीवाला, छत्तर सिंह अटारीवाला, और सर ह्यू गफ़
परिणाम: अंग्रेजों ने पूरे पंजाब पर कब्जा कर लिया और प्रसिद्ध कोह-ए-नूर हीरा ले लिया।
संधि: लाहौर की संधि (1849)
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